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Archived
पहलु खान हत्याकांड: चश्मदीद गवाहों को नही मानती पुलिस, राज्य सरकार के दबाव में छूटे मुजरिम!
Arun Mishra
17 Sep 2017 7:35 AM GMT
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पहलू खान की मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने भी एफआईआर में दर्ज 6 लोगों को आरोपी नहीं माना. राजस्थान सरकार ने पहले ही उन्हें आरोपी मानने से इंकार कर दिया था. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की गई थी.
राजस्थान में भाजपा की सरकार है जिसकी मुखिया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। भाजपा की मुख्य मंत्री के रूप में संघ परिवार से मुख्यमंत्री राजे का 36 का आंकड़ा चलता रहा है। हाल के महीनो में संघ के सामने मुख्यमंत्री राजे अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूर्ण रूप से समर्पण कर चुकी हैं। इसी का परिणाम है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे अपने विधानसभा क्षेत्र डीडवाना में लगने के बाद राज्य के नम्बर वन मंत्री युनुस खान की कुर्सी बच गई है। इसी क्रम में संघ को राजी करने के लिए निर्दोष पहलु खान किसान को मारने वाले संघ परिवार के गोरक्षक गुंडों को राजे सरकार ने क्लीन चिट पुलिस से दिलवा दी है।
संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही देश में नफरत के कारण अब तक गो रक्षको की गुण्डा गर्दी से लगभग 100 व्यक्ति जान गँवा चुके हैं। देश के प्रधान सेवक द्वारा जुमलो से बोला गया सन्देश अब तक इस प्रकार की हिंसा करने वाले गुंडों पर कोई प्रभाव नही छोड़ पाया है। प्रधान सेवक के द्वारा धार्मिक हिंसा में लगे गो रक्षको की हिंसा सहन नही की जाएगी जैसे जुमले बेमन से दिए जाते है। इस प्रकार के बयानों के पीछे की मनोदशा को जानने वाले गोरक्षक गुंडे प्रधानमंत्री के बयान देने के कुछ समय बाद ही देश के किसी न किसी भाग में बेकसूर देशवासियों की जान ले लेते है। आजाद भारत में गो रक्षक बने गुंडों की हिंसा पर सक्षम, ताकतवर भारत राष्ट्र के प्रधानमंत्री की हिंसा रोकने की कमजोर अपील भी देश ने सुनी है।
देश की जनता ने देखा है कि कैसे एक प्रधानमंत्री दया की भीख मांगते हुए स्वर में गोरक्षक गुंडों से कहता है कि मेरे दलित भाइयों को मत मारो, मारना है तो मुझे गोली मार दो। इस प्रकार के नाटकीय जुमलो के बल पर संघ परिवार व भाजपा देश में भ्रम की स्थिति बनाये रखना चाहते है। वास्तव में भाजपा संघ परिवार की रणनीति का धार्मिक हिंसा करना व गो रक्षको की गुंडागर्दी करना एक सुनियोजित भाग है। अपनी सरकारों की विफलता को छुपाने के साथ, अपनी नफ़रत की विचारधारा की आंच को सुलगाने के लिए भाजपा के सभी नेता इसमें लिप्त होकर जनता का ध्यान भटकाने का काम करते है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री भी आसन्न विधान सभा चुनावो में अपनी पराजय की सम्भावना जानकर अपनी कुर्सी बचाने के लिए संघ की गोदी में बैठ गई है। पहलु खान हत्या की जांच में राज्य पुलिस द्वारा लीपा पोती करके संघी गुंडों को बचाने की कार्यवाही से इस बात की पुष्टि हो जाती है। वैसे भी राज्य की भाजपा सरकार के शासन में राज्य की दलित जातियों के साथ मुस्लिम वर्ग पर अत्याचार करने वालो में संघी मानसिकता के लोग ही आगे रहते है। सत्ता के बल पर भाजपा व संघ परिवार के लोग अपराध करके अपनी पालतू पुलिस के भृष्ट अफसरों के सहारे बचने का काम कर रहे है। राज्य के संघी अवतार गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के पास सिर्फ शर्मनाक बयान देने का काम बचा है। यहाँ गोरतलब होगा कि गृहमंत्री के रूप में अनेक बार अपने बयानों से कटारिया अपनी फजीती करवा चुके है। शुरू में पहलु खान को राज्य के गृहमंत्री गो तस्कर बता चुके है जबकि पहलु खान द्वारा जयपुर नगर निगम के पशु हट्वाड़े से दुधारू गाय डेयरी व्यवसाय को चलाने के लिए खरीदी थी।
इन गायो की खरीद रवन्ना जो कि भाजपा सरकार द्वारा शासित जयपुर नगर निगम जारी करता है, वह भी पहलु खान के पास में था। अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में दिन दहाड़े आज के 6 माह पूर्व किसान पहलु खान को गो तस्कर बताकर संघ परिवार के गुंडों ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी। इस घटना के चश्मदीद गवाह पहलु खान के पुत्र स्वयं थे, जो पहलु खान के साथ बैठकर लोडिंग पिक अप वेन में गाय खरीद कर ले जा रहे थे। स्वयं पहलु खान ने अपनी मृत्यु से पूर्व अपने बयानों में संघ के गुंडों को नामजद किया था। जिसके आधार पर नामजद रिपोर्ट बहरोड़ पुलिस ने दर्ज की थी।
राज्य के पलटू बयानवीर गृहमंत्री के बयान के विपरीत राज्य की मुख्यमंत्री ने पहलु खान की मोत की निन्दा की थी। दिनांक 11.04.2017 को घटित पहलु खान हत्याकांड में मृतक पहलु खान ने मृत्यु पूर्व अपने बयानों में संघी गुंडों के नाम उजागर कर दिए थे। पहलु खान के मृत्यु पूर्व बयानों की तस्दीक उनके पुत्र ने भी अपने बयानों में की थी। यह राज्य सरकार के दबाव का ही परिणाम था कि राज्य पुलिस ने पहलु खान के हत्यारों को इस केस में मनमानी करके क्लीन चिट दे दी।
पहलु खान की हत्या की जांच में साबित हो गया है कि हमारी पुलिस आज भी सत्ताधारी दल की रखेल बनकर राजनैतिक दबाव में काम करती है। यदि ऊपर से आदेश आ जाए तो हमारी पुलिस लेट जाती है। संघ परिवार के नामजद हत्यारोपी गुंडों को सी.आई.डी. सीबी पुलिस की जांच में क्लीन चिट मिलने पर कानून के जानकारों के साथ पहलु खान का पुत्र इरशाद भी हैरान है।
संघ के गुंडों को उनकी उपस्थिति अन्यत्र बताकर राज्य पुलिस ने क्लीन चिट दी है। मात्र मोबाइल टावर की लोकेशन को आधार बनाया जाकर राज्य पुलिस ने पहलु खान के केस की स्थिति ही बदल दी है। पुलिस अनुसार इन नामजद गोरक्षक गुंडों की उपस्थिति घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर की आई है। इस बात में काफी शंका और मिली भगत की संभावना है। घटना स्थल पर मारपीट करके बचने के लिए कोई भी अपराधी आज के इस युग में दो किलोमीटर दूर भागने के लिए मोटर बाईक से मात्र दो मिनट का समय लेगा। दो मिनट के अंतराल को आधार मानकर राज्य की सी.आई.डी सी.बी. पुलिस सरकार के दबाव में क्रूर हत्यारे गुंडों का बेशर्मी से बचाव कर रही है।
राज्य के गृहमंत्री भी शर्मनाक बयान देते वक्त कह रहे है कि पहलु खान हत्याकांड में नामजद गुंडे घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर थे। उनकी लोकेशन घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर थी। शायद वे भी भूल रहे है कि झूठ बोलने में भी कला होनी चाहिए वरना झूठ बेनकाब हो जाता है। यहाँ भाजपा सरकार और उसकी रखेल बनी पुलिस स्वयं ही अपने बनाये झूठ के जाल में फंसकर कर बेनकाब हो रही है। मात्र दो मिनट के समय के अंतराल को आधार बनाकर मृतक पहलु खान के ह्त्या पूर्व बयान व उसके चश्मदीद गवाह पुत्र के बयानों को पुलिस झुठला रही है।
अपने पालतू संघी गुंडों को बचाने का यह दाव कोर्ट में राज्य पुलिस व सरकार को भारी पड़ने वाला है, ऐसा कानून के जानकारों का मानना है। पहलु खान के पुत्र इरशाद ने राज्य पुलिस की दलीलों को ख़ारिज करते हुए गोरक्षक गुंडों को बचाने की पुलिस जांच को न्यायालय में चुनोती देने की बात कही है। राज्य पुलिस के उच्च अधिकारी कपिल गर्ग को राज्य की मुख्यमंत्री ने आज तक संघ के दबाव में ही बर्फ में लगाकर उनका प्रमोशन तक रोक रखा है। राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कपिल गर्ग का कुसूर मात्र इतना है कि उन्होंने अजमेर दरगाह बम काण्ड में एक अन्य संघी इन्द्रेश कुमार की भूमिका की ईमानदारी से जांच करने का दुसाहस किया था।
संघ को प्रसन्न करने में लगी वसुंधरा राजे अपनी कुर्सी को बचाने के लिए इस समय पूर्णतया संघ की इच्छा अनुरूप कार्य करने में लगी है। राज्य में अब राज धर्म निभाने वाले सनातन धर्मियों की जगह देश में राजनेतिक स्वार्थ से पैदा हुए हिंदुत्व वादियों ने ले ली है। ये बेशर्मी से अब राम-रोटी और इन्साफ, भय, भूख और भृष्टाचार से लड़ने के बजाए इन सभी मुद्दों का दोहन अपनी सत्ता को बचाने हेतु कर रहे है। ऐसे में पहलु खान, डेल्टा जैसी दलित युवती बलात्कार करने के बाद भाजपा शासन में मारी जाएंगी। मृतक की चिता की राख ठंडी होते ही कलियुगी रामभक्त मरने वालो के घर वालो की न्याय पाने की उम्मीदो पर पानी डालकर उन्हें ठंडा करने का काम करते है। यही भाजपा का राम राज और मोदी सरकार के अच्छे दिन आने का सन्देश है।
लेखक : मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान
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