इस तरह के प्रयासों का लाभ भाजपा को पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में भी उठा चुकी है और अब उसी मंत्र से उत्तर प्रदेश की सत्ता में दोबारा क़ाबिज़ होने की क़वायद है ।