You Searched For "हिंदी गजल"

गजल : जीवन के प्रारब्ध कई थे    स्वर्ग सहज उपलब्ध कई थे...

गजल : जीवन के प्रारब्ध कई थे स्वर्ग सहज उपलब्ध कई थे...

जीवन को बस रण माना है धर्म हेतु प्रति क्षण माना है..

16 July 2021 7:31 AM GMT
गज़ल

गज़ल

जो मज़ा था कभी जवानी मेंवो मज़ा अब कहां कहानी में !!एक दिन आप घूमने आओ मेरे लफ्ज़ों की बागबानी में !!बच गया झूठ जुर्म करके भी मर गया सच ग़लत बयानी में !!चल मेरे साथ तू कभी संसद आग लगती दिखाऊं पानी में...

29 Jun 2021 6:35 AM GMT