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मुजफ्फरनगर जिले में 101 साल पुरानी बाइक है मौजूद, ब्रिटिश कंपनी ने 1921 में बनाया था यह मॉडल
101 years old bike is present in Muzaffarnagar district: आज नए दौर में बाइक के रोज नए मॉडल बाजार में उतरते हैं और गुम हो जाते हैं। पुराने होते ही दुपहिया वाहनों को बेचकर नए वाहन लेने का चलन भी लोगों के बीच बढ़ा है। एक जमाना ऐसा भी था, जब लोग वाहन खरीदते और उसे सालोंसाल संभालकर और सहेजकर रखते थे।
खतौली के होटल व्यवसायी शारिक राना के पास ब्रिटिश कंपनी की 101 साल पुरानी बाइक है, जिसे उनके परदादा खान बहादुर हाजी न्याज मोहम्मद खान ने खरीदा था। बाइक आज भी सही स्थिति में है। इंजन चालू स्थिति में है। राना ने बाइक की मरम्मत कराकर अपने होटल पर खड़ा किया तो यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
ब्रिटिश ट्राइअम्फ बाइक कंपनी ने 1902 में व्यवसाय शुरू किया था। 1921 में 498 सीसी का सोलो मॉडल बनाया गया, जिसे वाहन के शौकीनों ने खूब पसंद किया। तब देश में अंग्रेजी राज था। अंग्रेज अधिकारियों के अलावा स्थानीय वाहन के शौकीनों ने भी इस मॉडल को खूब खरीदा था।
होटल व्यवसायी शारिक राना के परदादा खान बहादुर हाजी न्याज मोहम्मद खान मूल रूप से उत्तराखंड में रानीखेत के पास मजखाली के जमींदार थे। कभी उनकी न्याज स्टेट थी। जमींदार परिवार ने 1974 में खतौली आकर होटल का व्यवसाय शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। चीतल ग्रांड खतौली के एमडी शारिक राना ने बताया कि उनके परदादा ने यह बाइक खरीदी थी।
शारिक राना बताते हैं कि उन्हें घर के स्टोर में कबाड़ में यह बाइक मिली। उन्होंने इसे ठीक कराया, शौक के तौर पर इसे चलाया भी और फिर इसे होटल ले आए। अब यह उनके होटल की शोभा बढ़ा रही है। दिलचस्प बात यह है कि बाइक एक घंटे में करीब 15 किमी ही जाती थी। पेट्रोल से यह स्टार्ट होती थी और इसके बाद यह केरोसिन से चलती थी।
इनाम भी जीते और पहचान दिलाई
शारिक राना बताते हैं कि करीब 30 साल पहले तक वह बाइक को प्रदर्शनी में ले जाते थे। इनाम भी मिले और पहचान भी दिलाई, लेकिन अब कहीं नहीं ले जाते। बाइक दिल्ली-देहरादून रोड स्थित अपने होटल के एक कोने में खड़ी कर दी है। यहां आने वाले लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं।