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Twitter के बाद Facebook पर हाहाकार, जुकरबर्ग ने 11 हजार कर्मचारी को नौकरी से निकाला! जानें- क्या है वजह?

Arun Mishra
9 Nov 2022 12:04 PM GMT
Twitter के बाद Facebook पर हाहाकार, जुकरबर्ग ने 11 हजार कर्मचारी को नौकरी से निकाला! जानें-  क्या है वजह?
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टेक सेक्टर की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए मुश्किल दिन जारी है।

टेक सेक्टर की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए मुश्किल दिन जारी है। ट्विटर (Twitter) के बाद अब एक और दिग्गज कंपनी के कर्मचारियों पर छंटनी की मार पड़ी है। फेसबुक (Facebook) की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी होना शुरु हो गई है। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों की छटनी करने का निर्णय लिया है। एलन मस्क के बाद मार्क जुकरबर्ग द्वारा कर्मचारियों की छटनी से हाहाकर मचा हुआ है।

जुकरबर्ग ने फेसबुक ने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला दिया है। जिसके बाद से दुनिया भर में फैले फेसबुक कर्मचारियों में हाहाकार मच गया है। इससे पहले ट्विटर ने भी 7 हजार कर्मचारी बर्खास्त किए थे। यह बर्खास्तगी किसी IT कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी बर्खास्तगी है। फेसबुक के 11 हजार कर्मचारियों की नौकरी जाने के बाद अमेरिका में फेसबुक शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गया। फेसबुक के शेयर आधी कीमत पर आ गए।

13 प्रतिशत घटी मेटा की टीम

कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने आज एक ब्लॉग के जरिए कहा कि वो मेटा के इतिहास में अबतक का सबसे कठिन कदम उठाने जा रहे हैं. कंपनी ने फैसला लिया है कि वो अपनी टीम का आकार 13 प्रतिशत घटाएगी और 11 हजार काबिल कर्मचारियों को नौकरी से छंटनी करेगी. इसके साथ ही जुकरबर्ग ने कहा कि वो कंपनी को पटरी पर लाने के लिए कई और ऐसे कदम उठाने जा रहे हैं. इसमें खर्चों में कटौती करने और लागत को कम करने के लिए अहम कदम शामिल हैं.

ये हैं छंटनी की 5 बड़ी वजह

फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने छंटनी की बड़ी प्लानिंग बनाई है. 18 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ी छंटनी होगी. 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेटा में हजारों कर्मचारियों की छंटनी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि टि्वटर में जितनी छंटनी होनी है, या होने वाली है, उससे भी अधिक लोगों की नौकरी मेटा से जा सकती है. इसके पीछे 5 बड़ी वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह मेटा की वर्चुअल रियलिटी कंपनी रियलिटी लैब्स को पिछली तिमाही में हुए 3.7 अरब डॉलर का नुकसान है.

दूसरी वजह मेटा की स्टॉक ट्रेडिंग का निचले स्तर पर जाना है. अभी मेटा का स्टॉक 2016 के बाद सबसे निचले स्तर पर है. पिछले महीने इस कंपनी की वैल्यू 270 अरब डॉलर की रही जबकि पिछले साल कंपनी की वैल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक थी. कहा जा रहा है कि कंपनी का खर्च तेजी से बढ़ा है जबकि कमाई उस हिसाब से नहीं हो रही. कॉस्ट को कम करने के लिए ही कंपनी ने छंटनी की योजना बनाई है. निवेशकों को आशंका है कि इसका सोशल मीडिया बिजनेस खतरे में आ सकता है.

मेटा के मार्केट कैप में 3 फरवरी, 2022 को 230 अरब डॉलर की गिरावट आई है. अमेरिकी की किसी भी कंपनी के इतिहास में एक दिन में हुई यह सबसे बड़ी गिरावट है. जिस दिन कंपनी ने बताया कि पहली बार उसके डेली यूजर नंबर में गिरावट आई, उस दिन मेटा का स्टॉक 26.4 परसेंट गिर गया. मेटा के स्टॉक में यह बड़ी गिरावट बताई जा रही है जिससे उसके बिजनेस पर गहरा असर पड़ा है. इस वजह से कंपनी भारी दबाव में बताई जा रही है.

अगली वजह मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग की संपत्ति में भारी गिरावट है. साल 2022 की शुरुआत से ही जकरबर्ग की व्यक्तिगत संपत्ति में लगातार गिरावट देखी जा रही है. मेटा में जकरबर्ग का 13 परसेंट शेयर है. एक और बड़ी वजह मेटा के विज्ञापन से होने वाली कमाई में गिरावट है. मेटा ने अनुमान जताया है कि 2022 में ऐड रेवेन्यू में 10 अरब डॉलर का घाटा हो सकता है. यह गिरावट इसलिए देखी जा रही है क्योंकि ने प्राइवेसी के नियमों में बदलाव किया है.

मेटा की रैंकिंग में भी भारी गिरावट देखी गई है. साल 2022 में एसएंडपी 500 की लिस्ट में मेटा ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. इस साल की शुरुआत से मेटा का स्टॉक 73 परसेंट तक गिर चुका है. मेटा के फ्री कैश फ्लो में भी भारी कमी देखी जा रही है. 2021 की शुरुआत में मेटा का फ्री कैश फ्लो 12.7 अरब डॉलर था जो 2022 की तीसरी तिमाही में 316 मिलियन डॉलर पर आ गिरा. भारी घाटे के बीच मेटा ने लगातार कर्मचारियों की भर्ती की है. 2020 और 2021 में 27,000 कर्मचारी रखे गए जबकि इस साल के 9 महीनों में 15,344 कर्मचारियों की भर्ती की गई.

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