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Google किया बड़ा बदलाव अब स्पैम काल आने पर मिलेगा अलर्ट

Satyapal Singh Kaushik
30 Dec 2022 12:00 PM GMT
Google किया बड़ा बदलाव अब स्पैम काल आने पर मिलेगा अलर्ट
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सर्च इंजन गूगल अपने एक्सपेरिमेंट के लिए जाना जाता है,जिससे यूजर्स को सुविधाएं मिल सकें। अब गूगल ने गूगल वाइस में बड़ा बदलाव किया है।

सर्च इंजन दिग्गज Google ने घोषणा कर बताया कि कंपनी जल्द ही स्पैम कॉल्स को लेकर एक बड़ा फैसला करने जा रही है। जिसके बाद यूजर्स को स्पैम कॉल आने पर अलर्ट मिल सकेगा। दरअसल, कंपनी गूगल वॉइस में बड़ा बदलाव करते हुए नए सस्पेक्टेड स्पैम कॉलर लेबल को शामिल करने वाली है। नए लेबल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम की मदद से यूजर्स को अलर्ट किया जाएगा। बता दें कि हाल ही के गूगल फॉर इंडिया 2022 में कंपनी ने भारतीय यूजर्स के लिए कई खास फीचर्स पेश किए हैं।

हाल ही में Truecaller ने भी जारी किया है ऐसी सुविधा

गूगल के नए लेबल के बाद यूजर्स को स्पैम कॉल के दौरान रेड सिग्नल या फिर वॉयस के जरिए सुनाई देगा कि उनके पास स्पैम कॉल आ रही है। ऐसी ही सुविधा को हाल ही में Truecaller ने भी जारी किया है, जो कि रेड और ग्रीन कलर में कॉलर की पहचान करती है और यूजर्स को अलर्ट करती है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि गूगल अपने स्पैम कॉलर लेबल को एडवांस फीचर्स और टेक्नोलॉजी से लैस कर सकती है।

गूगल ने गुरुवार को वर्कस्पेस अपडेट्स ब्लॉग पोस्ट में दावा किया कि लेबल यूजर्स को स्पैम कॉल और संभावित खतरनाक फ्रॉड से बचाने में मदद करेगा। यूजर्स की कॉल हिस्ट्री और आने वाली कॉल स्क्रीन दोनों नया लेबल प्रदर्शित करेंगी। साथ ही यूजर्स के पास एक चिह्नित कॉल को स्पैम नहीं के रूप में चिह्नित करने का विकल्प भी होगा, जिसके बाद संदिग्ध स्पैम लेबल उस नंबर के लिए डिस्प्ले होना बंद हो जाएगा। यानी यूजर्स खुद भी स्पैम कॉल की पुष्टि कर सकते हैं।

जानिए क्या है प्रोजेक्ट वाणी

गूगल वॉयस को बेहतर करने के लिए गूगल लगातार कई प्रकार के एक्सपेरिमेंट कर रहा है। कंपनी ने अपने गूगल फॉर इंडिया 2022 इवेंट में प्रोजेक्ट वाणी के बारे में भी जानकारी दी थी। दरअसल, गूगल ने आर्टिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से एक AI/ML मॉडल बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के साथ पार्टनरशिप भी की है। इस प्रोजेक्ट को ही 'प्रोजेक्ट वाणी' नाम दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को एकत्रित करके ट्रांसक्राइब किया जाएगा। कंपनी इसके लिए भारत के 773 जिलों से भाषा के ओपन-सोर्स सैंपल स्टोर करेगी।

Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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