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जहांगीरपुरी हिंसा के 12 अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Shiv Kumar Mishra
17 April 2022 2:21 PM GMT
जहांगीरपुरी हिंसा के 12 अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
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दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इन सभी को रविवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने अंसार और असलम नाम के दो अभियुक्तों को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, बाकी के 12 अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. बता दें कि जहांगीरपुरी में शनिवार शाम को हनुमान जयंती के दौरान निकाले गए जुलूस के दौरान पत्थरबाजी के दौरान दो समूहों के बीच झड़पें शुरू हो गईं. इसके बाद दोनों ओर से पत्थरबाजी होने लगी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस रजिस्टर कर जांच शुरू कर दी है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ( कानून-व्यवस्था) दीपेंदर पाठक ने कहा कि हालात अब पूरी तरह काबू में है. माहौल शांत है. उत्तर-पश्चिम ज़िले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया है कि इस घटना में 9 लोग घायल हुए हैं जिनमें 8 पुलिसकर्मी हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में शनिवार को हनुमान जयंती पर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. अब रविवार को जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में पुलिसबल की तैनाती दिख रही है साथ ही माहौल में तनाव पसरा हुआ है.

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन के आसपास की दुकान और मार्केट हर रोज़ की तरह खुले हुए हैं. वहीं वो सी ब्लॉक जो इस हिंसा के केंद्र में रहा है, वहां भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

सी ब्लॉक में रहने वाले शेख़ अमज़द पीटीआई को बताते हैं कि जब ये हिंसक झड़प शुरू हुई थी उस वक्त वो मस्जिद में थे. उन्होंने कहा, "वो (हनुमान जयंती के जुलूस में शामिल लोग) जय श्री राम के नारे लगा रहे थे साथ ही उकसाने वाले नारे भी लगाए जा रहे थे. वो ज़बरदस्ती मस्जिद में घुस आए और परिसर में भगवा झंडे बांधने लगे. वो हमें तलवार लेकर धमका रहे थे. इसके बाद ही पत्थरबाज़ी शुरू हुई. इससे पहले जहांगीरपुरी में ऐसा कभी नहीं हुआ."

अमज़द का दावा है कि क़रीब 50 लोग ज़बरदस्ती मस्जिद में घुस आए थे. मस्जिद के आसपास सी और डी ब्लॉक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हर 200 मीटर पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं. इतनी सुरक्षा के बाद भी मस्जिद के आसपास की दुकानें बंद रहीं.

मनोज कुमार कहते हैं कि हिंसा जब भड़की तो वो सी ब्लॉक स्थित अपने दुकान में थे. उन्होंने पीटीआई से बातचीत में दावा किया, "मैंने देखा कि लोग चिल्ला रहे हैं और अपने घरों की तरफ़ भाग रहे हैं. पहले मैंने समुदायों के बीच ज़ुबानी नोकझोंक देखी. जुलूस में शामिल लोग हथियार रखे हुए थे लेकिन पत्थरबाजी मुस्लिम लोगों की तरफ़ से शुरू हुई."

पुलिस के मुताबिक़, दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाज़ी और आगजनी की घटनाएं हुई थीं. कुछ गाड़ियों को आग भी लगा दिया गया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मस्जिद के पास ही सी ब्लॉक में दुकान चलाने वाले मुकेश का कहना है कि जिन लोगों ने इस इलाक़े की शांति भंग करने की कोशिश की है वो बाहरी ही होंगे.

उन्होंने पीटीआई से कहा, "मैं इस इलाक़े में पिछले क़रीब 35 साल से रह रहा हूं लेकिन इस तरह की हिंसा कभी नहीं देखी. यहां हिंदू और मुसलमान शांति से रहते हैं. जुलूस में शामिल लोग ज़रूर बाहरी होंगे, जहांगीरपुरी के स्थानीय नहीं होंगे."

दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार की हिंसा में घायल हुए पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने वहां गोलीबारी को लेकर कई बातें कहीं हैं.

गोलियों से घायल हुए दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मेधा लाल ने रविवार को कहा कि हिंसा के दौरान सी-ब्लॉक की ओर से गोलियां चलाई गईं.

मेधा लाल ने जहांगीरपुरी में हुई झड़प का ब्योरा देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "रविवार को इलाके में एक जुलूस निकाला गया था. जुलूस जैसे ही एक मस्जिद के नजदीक पहुंचा वहां दो समूहों के बीच बहस शुरू हो गई. इसके बाद पत्थरबाजी होने लगी लेकिन दोनों समूह वहां से हट गए."

"शुरू में ज्यादा कुछ नहीं हुआ. जुलूस निकाल रहा एक समूह जी ब्लॉक की ओर चला गया और दूसरा जो मस्जिद के इर्द-गिर्द था वह सी ब्लॉक की ओर चला गया. उसके बाद सी-ब्लॉक की ओर से पत्थर चलने लगे. फिर वहीं से गोलियां भी चलने लगीं. इसके बाद लोग तलवार लेकर सी-ब्लॉक की ओर चले आए. इस दौरान मुझे भी एक गोली लगी. मैं तुरंत पीसीआर में अस्पताल चला गया."

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