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आगरा: चामुंडा देवी मंदिर न हटने देने पर हिंदूवादी संगठन अड़े, महंत ने दी चेतावनी

सुजीत गुप्ता
30 April 2022 5:23 AM GMT
आगरा: चामुंडा देवी मंदिर न हटने देने पर हिंदूवादी संगठन अड़े, महंत ने दी चेतावनी
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राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर बना है मंदिर

आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर को हटाने के संबंध में 10 दिन का समय दिया गया था, जिसकी मियाद आज खत्म हो गई है। इसके बाद रेलवे क्या करेगा, इस सवाल पर आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि पहला नोटिस रेलवे की ओर से आईओडब्ल्यू ने दिया है। इसके बाद उनसे उच्च अधिकारी नोटिस देंगे। यह एक प्रक्रिया है। रेलवे भी चाहता है कि बातचीत से हल निकाला जाए। रेलवे धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचना चाहता है।

वही शुक्रवार को मंदिर समर्थकों ने डीआरएम कार्यालय पर हनुमान चालीसा का पाठ किया और डीआरएम कार्यालय का भी घेराव कर ज्ञापन सौंपा। विहिप और बजरंग दल के लोग भी शामिल रहे। डीआरएम ने बातचीत के लिए 15 लोगों को अंदर बुलाया। उन्होंने कहा सभी पक्षों के साथ बैठकर सहमति से हल निकाला जाएगा। हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही।

प्राचीन चामुंडा माता मंदिर के महंत वीरेन्द्रानंद ब्रह्मचारी ने चेतावनी दी है कि यदि डीआरएम अपनी जिद पर अड़े रहते हैं और प्रशासन बुलडोजर लेकर आता है तो 500 कार्यकर्ता उसके सामने लेट जाएंगे। महंत ने कहा कि डीआरएम दूषित मानसिकता के व्यक्ति हैं। वह आस्था से खेल रहे हैं। कई पूर्व डीआरएम मंदिर आए और श्रद्धा से दर्शन करके चले गए। किसी ने मंदिर को अतिक्रमण नहीं माना। यह डीआरएम लोगों को गुमराह भी कर रहे हैं।

डीआरएम ने जो लेटर ट्वीट किया में लिखा 30 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरती हैं, जबकि स्टेशन पर ही रेलवे ने स्टेशन से 70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरने का बोर्ड लगा रखा है। तीन दिन पहले जब मंदिर प्रतिनिधिमंडल डीआरएम से वार्ता के लिए गया था तो वह मिलने को तैयार नहीं थे। बड़ी मुश्किल से मिले तो बात सुनने के बजाए अपनी बात पर अडिग रहे। हमें जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह से उन्हें बहुत उम्मीद है।

बतादें कि राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक में मंदिर के 72 वर्ग मीटर के हिस्से को यात्रियों की सुरक्षा और प्लेटफॉर्म के विस्तार में बाधक बताते हुए रेलवे ने मंदिर प्रबंधन को 20 अप्रैल को नोटिस भेजा था। मंदिर प्रबंधन को 10 दिन का समय दिया था, जिसकी मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो गई है। नोटिस के बाद से ही विरोध शुरू हो गया। 26 अप्रैल को डीआरएम ने मंदिर हटाने को लेकर ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करने के बाद विरोध तेज हो गया।

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