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ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को कोर्ट ने 14 दिन की ज्यूडिशल कस्टडी में भेजा, फॉरेन फंड की जांच
नई दिल्ली. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत(Alt News co-founder Mohammad Zubair) में भेजा। जुबैर पर हिंदू आस्थावानों की भावनाएं भड़काने का आरोप है। बता दें कि आल्ट न्यूज सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने 4 साल पहले ट्विटर पर एक फोटो शेयर की थी। इसमें आपत्तिनजक बात लिखी थी। फोटो को शेयर करते हुए जुबैर ने कमेंट में लिखा था- 2014 से पहले: हनीमून होटल। 2014 के बाद : हनुमान होटल। जुबैर के इसी ट्वीट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए 19 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 27 जून को दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। हालांकि विपक्ष आरोप लगाता आ रहा है कि फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जबकि इससे पहले कोई नोटिस नहीं दिया। जुबैर पर जो धाराएं लगाई गई हैं, उन के लिए गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है।
कोर्ट ने कहा दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही जांच के बीच जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है। इससे पहले पेशी के दौरान पुलिस ने जुबैर पर तीन नए मामले जोड़े हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान Razorpay Payment gateway की तरफ से मिले जवाब से पता चला है कि इससे कई ट्रांजेक्शन हुए हैं। इनमें विदेशी मोबाइल नंबर या आईपी एड्रेस विदेशी थे। ये मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस बैंकॉक, वेस्टर्न, ऑस्ट्रेलिया, मनामा, नॉर्ट हॉलैंड, सिंगापुर, विक्टोरिया, न्यू यॉर्क, इंग्लैंड, रियाध रीजन, शारजाह, स्टॉकहोल्म, आईची, सेंट्रल एंड वेस्टर्न, ईस्टर्न प्रोविंस, अबू धाभी, वाशिंगटन, कंसास, न्यू जर्सी, ओंटारियो, कैलिफ़ोर्निया, एसएस, लोअर सैक्सनी, बर्न, दुबई, ऊसीमा, स्कॉटलैंड के निकले। प्रावदा मीडिया को कुल 2 लाख 31 हजार 933 रुपये मिले है।
जुबैर की गिरफ्तारी का विपक्ष विरोध करता रहा है। जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर वाम दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि नफरत फैलाने वाले आजाद कैसे हैं और उन्हें उजागर करने वाला सलाखों के पीछे हैं। पार्टियों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। वामपंथी दलों का आरोप है कि नफरत करने वाले दक्षिणपंथियों को शासकों से संरक्षण मिला हुआ है। देश को बदनाम करने वाले तथाकथित तत्वों को संरक्षित किया जा रहा है। उनका इशारा खासकर नुपूर शर्मा की ओर था।
हाल में वामपथी नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने ट्वीट करके कहा कि नूपुर शर्मा शर्मा राज्य की पहुंच से दूर खुलेआम घूमती हैं। मोहम्मद जुबैर जिन्होंने दुनिया के नजर में नफरत भरे बयान लाने का काम किया, वे शासन की कार्रवाई के केंद्र में हैं। भाकपा-मार्क्सवादी महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा कि जुबैर को तुरंत रिहा करें। पीआई महासचिव डी राजा ने ट्वीट करके कहा था कि मोहम्मद जुबैर जैसे युवा पत्रकार, जो देश रक्षा के लिए काम कर रहे हैं, सलाखों के पीछे हैं।