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पैगंबर पर बयान से गुस्साई अरब दुनिया, कई देशों में इंडियन प्रोडक्ट्स बैन, मालदीव की संसद में भी दिखा उबाल
![पैगंबर पर बयान से गुस्साई अरब दुनिया, कई देशों में इंडियन प्रोडक्ट्स बैन, मालदीव की संसद में भी दिखा उबाल पैगंबर पर बयान से गुस्साई अरब दुनिया, कई देशों में इंडियन प्रोडक्ट्स बैन, मालदीव की संसद में भी दिखा उबाल](https://www.specialcoveragenews.in/h-upload/2022/06/07/348572-screenshot3.webp)
नई दिल्ली। पैगम्बर मोहम्मद के ख़िलाफ़ BJP के दो नेताओं के विवादास्पद बयानों को लेकर खाड़ी देशों की नाराजगी का मामला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। कतर, बहरीन, कुवैत और ईरान के बाद अब सऊदी अरब और इंडोनेशिया ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। इतना ही नहीं सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अन्य अरब देशों ने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया है।
दरअसल, पैगंबर के खिलाफ बयानबाजी के कारण दुनियाभर के इस्लामिक देश गुस्से से उबल पड़े हैं। पहले कतर, बहरीन, कुवैत और ईरान ने इसकी निंदा की थी। अब मामला मालदीव की संसद तक भी पहुंच गया है। मालदीव की संसद में एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया गया। यह नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ पेश किया गया था। हालांकि, ये पास नहीं हो पाया। मालदीव में विपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। विपक्ष का कहना है कि मामले में सरकार का चुप रहना निराशाजनक है। मालदीव की सरकार मामले में कुछ भी कहने से बच रही है।
उधर 57 मुस्लिम देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी इसकी निंदा की है। संगठन ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा- भारत में बीते दिनों में मुस्लमानों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े हैं। कई राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब में बैन के साथ मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने OIC के बयान पर ऐतराज जताते हुए इस गैरजरूरी टिप्पणी करार दिया है।
अरब देशों में कई सुपरमार्केट में भारतीय प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया गया है। कुवैत सिटी के बाहर स्थित सुपरमार्केट में चावल की बोरियों, मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्लास्टिक शीट्स से ढंक दिया गया है। अरबी भाषा में लिखे संदेश में पढ़ा जा सकता है, 'हमने भारतीय उत्पादों को हटा दिया है।' इस स्टोर के CEO नसीर अल मुताइरी ने न्यूज एजेंसी AFP से कहा, 'कुवैती मुस्लिम के तौर पर हम पैगंबर का अपमान सहन नहीं कर सकते।' उधर ईरान के अल अरदिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी के स्टोर्स ने भारतीय चाय और अन्य उत्पादों को ट्रालियों में जमा कर दिया है।
बता दें कि भारत और खाड़ी देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। भारत अपनी जरूरत के पेट्रोलियम का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों से इम्पोर्ट करता है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, लगभग 76 लाख भारतीय मिडिल ईस्ट देशों में काम करते हैं। कोरोना महामारी की चोट से अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह उबर नहीं पाई है। ऐसे में अगर यह मामला ज्यादा तूल पकड़ता है, और भारतीय प्रोडक्ट्स बैन किए जाते हैं तो इससे देश की आर्थिक सेहत को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी इस मसले पर भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन बयानों के चलते दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं।
भारत सरकार इस मामले पर बैकफुट पर दिख रही है।
बीजेपी ने अपने प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। साथ ही भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा कि जो भी गलतबयानी की गई, वो भारत सरकार का ऑफिशियल स्टैंड नहीं है। भारत सरकार के बयान में विवादित बयान देने वाले नेताओं को पार्टी से बाहर करने की बात पर भी फोकस किया गया है। सऊदी अरब और बहरीन ने इस फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी ने मामले पर बयान जारी कर कहा कि हम सभी धर्मों और उनके पूज्यों का सम्मान करते हैं।
इधर बीजेपी से सस्पेंड होने के बाद नूपुर शर्मा ने अपना बयान वापस ले लिया है। शर्मा ने एक ट्वीट में लिखा, 'टीवी डिबेट में मेरे भगवान के खिलाफ विवादित बोल बोले जा रहे थे, जो मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ। इसी रोष में आकर मैंने कुछ आपत्तिजनक कह दिया, जिसे अब बिना शर्त वापस लेती हूं।' हालांकि, कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग पर अड़ा हुआ है।
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