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Bangladesh Violence: शेख हसीना को लगा एक और झटका, ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने भी किया शरण देने से इनकार

Special Coverage Desk Editor
6 Aug 2024 7:28 PM IST
Bangladesh Violence: शेख हसीना को लगा एक और झटका, ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने भी किया शरण देने से इनकार
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Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटेन के बाद उनको अमेरिका ने भी राजनीति शरण देने से इनकार कर दिया. खबर आ रही है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया.

Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटेन के बाद उनको अमेरिका ने भी राजनीति शरण देने से इनकार कर दिया. खबर आ रही है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया. हालांकि, जब भी शेख हसीना पर संकट आया है, उन्होंने भारत से ही मदद मांगी है. सोमवार को भी ऐसा ही हुआ जब बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक आंदोलन की आग उनके आवास तक पहुंच गई तो उन्होंने भारत से इमरजेंसी लैंडिग की मदद मांगी थी. बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने जिसे स्वीकार किया. इसके बाद हसीना का विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा. हसीना अभी वह भारत में किसी सेफ हाउस में ठहरी हुई हैं. अब सवाल ये है कि शेख हसीना भारत में कब तक रहेंगी.

हसीनों को लेकर पशोपेश में भारत

लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बांग्लादेश के हालातों के बारे में (Coup in Bangladesh) बताया. उन्होंने बताया कि, ‘बहुत ही कम समय में, उन्होंने (शेख हसीना) भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ. वह कल (सोमवार) शाम दिल्ली पहुंची.’ सोमवार को जब शेख हसीना का विमान हिंडर एयरबेस पर उतारा था. इसके बाद नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल उनसे मिलने पहुंचे थे. एनएसए डोभाल ने शेख हसीना से बांग्लादेश के हालातों और उनकी आगे की रणनीति के बारे में बातचीत की थी.

हसीना को लेकर भारत का स्टैंड

तब ये बात निकलकर सामने आई थी कि वो लंदन में राजनीतिक शरण ले सकती हैं. हालांकि अब उनको ब्रिटेन ही नहीं अमेरिका से भी इस मामले में झटका लगा. मीडिया रिपोर्ट के भारत ने शेख हसीना से अपना फ्यूचर कॉर्स ऑफ एक्शन तय करने को कहा है. उनके भारत में ठहरने को लेकर सरकार ने अपना स्टैंड क्लेयर कर दिया. सरकार ने हसीना से कहा है कि वह फिलहाल यहां रह सकती हैं, लेकिन उन्हें अपना फ्यूचर कॉर्स ऑफ एक्शन खुद ही तय करना होगा. चूंकि, भारत का काफी निवेश बांग्लादेश में हो रखा है, इसलिए शेख हसीना को लेकर भारत के सामने कूटनीतिक पसोपेश की स्थिति है.

हसीना को लेकर पसोपेश में भारत

केंद्र सरकार ने अभी तक सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताया है कि वह इस पड़ोसी संकट (Bangladesh crisis) से निपटने की योजना कैसे बना रहा है और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में सांसदों को इस बारे में जानकारी दी. दरअसल, भारत अपदस्थ नेता शेख हसीना का खुलकर समर्थन करते हुए नहीं दिखना चाहता है क्योंकि इससे बांग्लादेश में नई व्यवस्था के साथ उसके रिश्ते जटिल हो सकते हैं. हसीना के भारत के साथ संबंधों का इतिहास भी अहम है. प्रधानमंत्री बनने से बहुत पहले इंदिरा गांधी सरकार ने उन्हें शरण दी थी, जब 1975 में बांग्लादेश में अशांति के दौरान उनके पिता मुजीबुर रहमान सहित उनके पूरे परिवार की हत्या कर दी गई थी. इसलिए दिल्ली के साथ उनके समीकरणों को देखते हुए इस समय उन्हें छोड़ना भी आसान निर्णय नहीं होगा.

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