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BJP गठबंधन ने 2014 के बाद पहली बार यूपी चुनाव में मुस्लिम को दिया टिकट, जानिए कौन हैं हैदर अली

सुजीत गुप्ता
24 Jan 2022 5:28 AM GMT
BJP गठबंधन ने 2014 के बाद पहली बार यूपी चुनाव में मुस्लिम को दिया टिकट, जानिए कौन हैं हैदर अली
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भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से चुनावी मैदान में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा। उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में यह स्थिति देखने को मिली। हालांकि, यूपी चुनाव 2022 बदलाव का गवाह बन रहा है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतार कर चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। आजम खान के गढ़ में बीजेपी के इस सियासी खेल ने राजनीतिक समीकरण को बदल कर रख दिया है।

वर्ष 2017 के चुनाव में अपना दल ने 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 9 पर जीत मिली थी। इस बार पार्टी को 15 सीटें मिलने का अनुमान है। ऐसे में पार्टी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर काफी सतर्कता से विचार कर रहा है।

अपना दल ने स्वार विधानसभा सीट से हैदर अली खान को टिकट दिया है। अब स्वार सीट पर टक्कर जेल में बंद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और हैदर अली खान के बीच होने की संभावना बढ़ गई है। इसके साथ ही विधानसभा सीट पर राजनीतिक तापमान भी चरम पर पहुंच गया है। वहीं, हर तरफ यही चर्चा है कि एनडीए के रुख में बदलाव कहीं प्रदेश में बदलते राजनीतिक समीकरण का संकेत तो नहीं है। अपना दल के इस दांव से मुस्लिम समाज में भी वोटों को बांटने में सफलता मिल सकती है।

हैदर अली कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान के बेटे हैं। काजिम 2017 में स्वार सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें अब्दुल्ला आजम से 65 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था। खुद काजिम इस बार रामपुर में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सपा यहां आजम खान को उतारने जा रही है। रामपुर में जहां आजम और काजिम के बीच में मुकाबला होगा तो स्वार सीट पर दोनों के बेटे एक दूसरे को टक्कर देंगे।

हैदर को कांग्रेस ने दिया था टिकट, फिर अपना दल में हुए शामिल

13 जनवरी को हैदर अली को कांग्रेस ने स्वार सीट से टिकट दिया था। हालांकि इसके बाद वह दिल्ली में अपना दल (एस) में शामिल हो गए। अब उन्हें अपना दल ने भी टिकट दिया है। दिल्ली के मॉर्डन स्कूल में पढ़ने के बाद हैदर अली विदेश में भी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। 2017 में उन्होंने पिता का चुनाव प्रबंधन संभाला था।

अब्दुल्ला के खिलाफ की थी शिकायत

काजिम अली ने वर्ष 2017 के चुनाव में हार के बाद अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के बाद अब्दुल्ला को अपनी विधानसभा सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद फरवरी 2020 में अब्दुल्ला आजम, उसके पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा को कई आपराधिक मामलों में संलिप्तता के आरोप में जेल भेज दिया गया। काजिम और आजम खान के बीच राजनीतिक मैदान में बर्चस्व की लड़ाई को अब उनके बेटे हैदर अली आगे बढ़ाने वाले हैं।

आजम बनाम नवाब परिवार की पुरानी है जंग

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और इस समय सीतापुर जेल में बंद आजम खान की 'रामपुर के नवाब' परिवार से पुरानी अदावत है। दोनों परिवार कई चुनावों में एक दूसरे का मुकाबला कर चुके हैं या उम्मीदवार उतार चुके हैं।



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