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Child trafficking in India: बच्चों की तस्करी रोकने के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस ने 'टैक्ट' तकनीकी पहल का किया एलान

Special Coverage Desk Editor
30 July 2024 7:32 PM IST
Child trafficking in India: बच्चों की तस्करी रोकने के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस ने टैक्ट तकनीकी पहल का किया एलान
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Child trafficking in India: जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस ने वैश्विक मानव दुर्व्यापार निषेध दिवस पर बच्चों की तस्करी से मुकाबले और सुरक्षित प्रवासन सुनिश्चित करने के लिए 'टैक्ट' (टेक्नोलॉजी अगेंस्ट चाइल्ड ट्रैफिकिंग) तकनीकी पहल का एलान किया।

Child trafficking in India: जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस ने वैश्विक मानव दुर्व्यापार निषेध दिवस पर बच्चों की तस्करी से मुकाबले और सुरक्षित प्रवासन सुनिश्चित करने के लिए 'टैक्ट' (टेक्नोलॉजी अगेंस्ट चाइल्ड ट्रैफिकिंग) तकनीकी पहल का एलान किया। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय परामर्श ‘ट्रैफिकिंग से मुकाबले के लिए सुरक्षित प्रवासन’ में इस पहल का औपचारिक रूप से एलान किया गया।


टैक्ट पहल के प्रमुख बिंदु

  • 1. पीड़ितों की भागीदारी: ट्रैफिकिंग के पीड़ितों की भागीदारी को सुनिश्चित करना और उनसे मिली सूचनाओं के आधार पर कानूनी कार्रवाई करना।
  • 2. मनोवैज्ञानिक सहायता: पीड़ितों के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता और सलाह उपलब्ध कराना।
  • 3. राष्ट्रीय हेल्पलाइन: प्रवासी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर की सिफारिश।
  • 4. तकनीकी सहयोग: तकनीकी कंपनियों के साथ साझेदारी करके ट्रैफिकिंग के रुझानों की पहचान करना।
  • 5. सुरक्षित प्रवासन: सुरक्षित प्रवासन के लिए वैश्विक पोर्टल को मजबूत करना और सरकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा, "ट्रैफिकिंग से पीड़ित बच्चों का पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में शिक्षा सबसे अहम औजार है। हमें राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग की जरूरत है ताकि सभी बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया जा सके।"

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, "ट्रैफिकिंग गिरोहों के बारे में पीड़ितों से ज्यादा कोई नहीं जानता। हमें पीड़ितों को सभी स्तरों पर भागीदार बनाना होगा। ट्रैफिकिंग के खिलाफ हमारी रणनीतियों में इसके पीड़ितों को सबसे अग्रिम कतार में होना चाहिए।"




महत्वपूर्ण आंकड़े और जानकारी

  • मानव दुर्व्यापार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है।
  • बंधुआ मजदूरी और जबरन देह व्यापार से इन गिरोहों की सालाना अनुमानित वैश्विक कमाई 236 बिलियन डॉलर है।
  • अनुमान है कि दुनिया में किसी भी समय कम से कम 2 करोड़ 76 लाख लोग ट्रैफिकिंग गिरोहों के चंगुल में फंसे होते हैं और इनमें एक तिहाई संख्या बच्चों की है।


राष्ट्रीय परामर्श के मुख्य बिंदु

इस परामर्श में 16 राज्यों के 250 से ज्यादा लोग शामिल हुए, जिसमें ज्यादातर सीमावर्ती राज्यों के थे। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस और अन्य सरकारी विभागों के अफसरों ने भी इस परामर्श में हिस्सा लिया। प्रमुख वक्ताओं में रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव, तेलंगाना के सीआईडी की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिखा गोयल और मध्यप्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दविंद्र मोरे शामिल थे।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की 'टैक्ट' पहल बच्चों की तस्करी रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें तकनीकी समाधान और पीड़ितों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया गया है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ट्रैफिकिंग के खिलाफ इस संघर्ष में सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

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