Top Stories

लखीमपुर खीरी में किसान की अंतिम अरदास: बस्तर में भी आईफा का कैंडल मार्च

Shiv Kumar Mishra
12 Oct 2021 1:06 PM GMT
लखीमपुर खीरी में किसान की अंतिम अरदास:  बस्तर में भी आईफा का कैंडल मार्च
x

डॉ राजाराम त्रिपाठी राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) ने अपने कर्मस्थली बस्तर में, अपने साथी आदिवासी किसान भाइयों बहनों के साथ हाल में एक बेहद दुखद "लखीमपुर खीरी कांड" में मारे गए किसान भाइयों, पत्रकार साथी रमन कश्यप तथा अन्य सभी मृतात्माओं की परम शांति हेतु कैंडल जलाकर प्रार्थना किया, तथा सभी बिछुड़े साथियों भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की...।

डॉक्टर त्रिपाठी ने इस अवसर पर एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए अपने साथियों, संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक देश के किसानों को समुचित न्याय नहीं मिल जाता, तब तक किसान खामोश नहीं बैठेंगे। हमारे कुछ किसान साथी मोर्चे पर डटे हैं तो बाकी किसान भाई अपने अपने खेतों में भी डटे हुए हैं, पर इसका यह मतलब नहीं है कि जो किसान भाई अपनी खेती के काम में जुटा हुआ है वह इस आंदोलन के साथ नहीं है, अथवा इन तीनों कानूनों के पक्ष में है.. इस बात को सरकार शायद नहीं समझ पाई है अथवा न समझ पाने का ढोंग कर रही है। हर तरफ से चोट खाए किसानों के लिए यह आर पार की लड़ाई है ।

किसानों के पास वैसे भी बाप जादू की विरासत चंद टुकड़े जमीनों के अलावा खोने के लिए अब कुछ भी नहीं बचा है। और अब तो किसानों को मज़दूर वर्ग, व्यापारी वर्ग, सरकारी कर्मचारी, मीडिया सहित समाज के सभी वर्गों का पूरा समर्थन तथा साथ मिल रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी हेतु बाध्यकारी कानून लाये जाने हेतु तथा तीनों दोषपूर्ण कानूनों को पूरी तरह बदलने के मुद्दे पर "आईफा" के द्वारा किसान संयुक्त किसान मोर्चा को अब तक, बिना शर्त खुला समर्थन दिया हुआ है।

उल्लेखनीय है कि इन तीनों कानूनों का देश में सर्वप्रथम तर्क तथा तथ्यपरक विरोध कोंडागांव (बस्तर) छत्तीसगढ़ से डॉ राजाराम त्रिपाठी तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के द्वारा ही प्रारंभ किया गया था। इस जरूरी साहसिक पहल हेतु भारतीय किसान यूनियन ने उन्हें गाजीपुर मोर्चे पर बुलाकर सम्मानित भी किया है।

लखीमपुर खीरी मारे गए किसान साथियों तथा अन्य सभी मृतात्माओं की शांति हेतु आयोजित कैंडल मार्च तथा प्रार्थना सभा में बस्तर जिले के कई गांवों के किसान साथी सम्मिलित हुए।



Next Story