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जेल की कॉल, कर रही लोगों को कंगाल, गोपनीय जानकारी लीक होने से सवालो के घेरे में जेल प्रशासन

सुजीत गुप्ता
18 Nov 2021 5:38 AM GMT
जेल की कॉल, कर रही लोगों को कंगाल, गोपनीय जानकारी लीक होने से सवालो के घेरे में जेल प्रशासन
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जेल में बेहतर इलाज के नाम पर कैदियों के परिजनों से ठगी

( विवेक मिश्र )

फ़तेहपुर। डिजिटल युग का फायदा जितना समाज को हुआ है उतना ही इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। सबसे अधिक गांव की भोली भाली जनता साइबर अपराधियों का शिकार बन रही है। साइबर अपराधी लोगो की मेहनत की कमाई को ठगने का कोई न कोई नया फंडा ढूढ़ ही लेते हैं। इस बार लोग एक ऐसी फोन कॉल से ठगी का शिकार बन रहे हैं जिससे जेल प्रशासन भी सवालो के घेरे में खड़ा हो रहा है।

बता दें कि थरियांव थाना क्षेत्र के नया पुरवा निवासी कांती लाल पुत्र देवदत्त ने बताया कि उसका पुत्र सुधीर जेल में बंद है 31 अक्टूबर को उसे एक फोन आया जिसने बताया कि वह जिला कारागार से बोल रहे हैं उनका बेटा सुधीर जेल के अंदर गिरकर घायल हो गया है जिसे उपचार के लिए बाहरी दवाओं की आवश्यकता है जिसके लिए उन्हें 2500 रुपये एक एसबीआई के एकाउंट में भेजने पड़ेंगे। घबरा कर जल्दबाजी में उन्होंने 2500 रुपये एसबीआई के एक एकाउंट में भेज दिए। बाद में जब सुधीर से मिलाई करके आये तो उन्हें पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं। कांतीलाल ने ठगी की एफआईआर दर्ज करने के लिए थरियांव थाने में लिखित शिकायती पत्र दिया है।

इसी क्रम में किशनपुर कस्बे का निवासी विनय पुत्र नरोत्तम जेल में बंद है जिसके परिजनों के पास भी ऐसी ही फोन कॉल पहुंची जिसमें विनय के जेल में चोटिल होने की सूचना देकर रुपये डलवाने की बात कही गई। जिसकी वाइस रिकार्डिंग भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमें जेल प्रशासन की भी जमकर फजीहत हो रही है। ऑडियो में स्पष्ट सुना जा सकता है कि जेल में बेहतर इलाज के लिए रुपयों की मांग एक ठग द्वारा की जा रही है। विनय के परिजन ने कहा कि हम बाहरी दवा नहीं करवाएंगे। उसकी जमानत हो गई है एक दो दिन में वह छूट जाएगा फिर अगर चोटिल हुआ है तो हम बाहर बेहतर इलाज करा लेंगे।

बताते हैं ऐसी फोन कॉल से जिले के दर्जनो लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं लोगों को लगता है कि उनका स्वजन जेल में है और उसे बेहतर इलाज की आवश्यकता है इसलिए वह आसानी से रुपया भेज देते हैं। सवाल तो ये बड़ा है कि कैदियों व परिजन की डिटेल जो सिर्फ जेल या कोर्ट के पास मौजूद है वह ठगों के पास कैसे पहुंची। इस सवाल का स्पष्ट जवाब जेल प्रशासन के पास भी मौजूद नहीं है। इस बाबत जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम ने बताया कि सुधीर के परिजनों से जेल में बेहतर इलाज के नाम पर ठगी हुई है जिसमें ठोस कार्रवाई की लिखित शिकायत मेरे द्वारा भी पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर की गई है। जेल में प्रत्येक कैदी का मुफ्त इलाज किया जाता है। मामले में एफआईआर दर्जकर कार्रवाई के लिए प्रक्रिया चल रही है।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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