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फिल्म को सामाजिक, नैतिक मूल्‍य और नीतिपरक संदेशों का वाहक होना चाहिए: उपराष्ट्रपति

Desk Editor
25 Oct 2021 1:12 PM GMT
फिल्म को सामाजिक, नैतिक मूल्‍य और नीतिपरक संदेशों का वाहक होना चाहिए: उपराष्ट्रपति
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नायडू ने कहा कि सिनेमा दुनिया में मनोरंजन का सबसे सस्‍ता साधन है। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और कलाकारों से आग्रह किया कि वे इसका जनता, समाज और राष्ट्र की बेहतरी में उपयोग करें

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज फिल्म निर्माताओं से अपनी फिल्मों में हिंसा, घोर अश्लीलता और निर्लज्‍जता का चित्रण करने से दूर रहने का आह्वान किया।

लोकप्रिय अभिनेता रजनीकांत को प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और विभिन्न भाषाओं के सिनेमा जगत के अभिनेताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक फिल्म को अच्‍छे उद्देश्य के साथ सामाजिक, नैतिक और नीतिकपरक संदेशों का वाहक होना चाहिए। "इसके अलावा फिल्मों को हिंसा को उजागर करने से दूर रहना चाहिए। फिल्‍म को सामाजिक बुराई के बारे में समाज की अस्वीकृति की आवाज भी होनी चाहिए।

यह देखते हुए कि एक अच्छी फिल्म में लोगों के दिल और दिमाग को छूने की शक्ति होती है नायडू ने कहा कि सिनेमा दुनिया में मनोरंजन का सबसे सस्‍ता साधन है। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और कलाकारों से आग्रह किया कि वे इसका जनता, समाज और राष्ट्र की बेहतरी में उपयोग करें।

सकारात्मकता और प्रसन्‍नता लाने के लिए सिनेमा की जरूरत पर जोर देते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अनुभव हमें यह बताता है कि एक संदेश देने वाली फिल्म में ही स्थायी अपील होती है। मनोरंजन के अलावा सिनेमा में ज्ञान प्रदान करने की शक्ति भी होती है।

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