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दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को हाई कोर्ट से बड़ी राहत
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को बड़ी राहत मिली है और वो अपने पद पर बने रहेंगे. राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्जी को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. बता दें कि एक एनजीओ ने उनकी नियुक्ति को चुनौती दी थी.
पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने मांगा था जवाब
एक गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) के साथ कई अन्य सगंठननों ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए कहा था. इसके साथ ही राकेश अस्थाना से भी जवाब मांगा गया था.
नियुक्ति का किया गया था विरोध
याचिकाओं में राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति का विरोध किया गया था और कहा गया था कि नियमों का उल्लंघन किया गया है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि किसी अधिकारी को नियुक्ति तभी की जा सकती है, जब रिटायमेंट में कम से कम 3 महीने बाकी हों. बता दें कि राकेश अस्थाना को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नियुक्त किया गया था, जबकि वह 31 जुलाई को बीएसएफ डायरेक्टर पद से रिटायर होने वाले थे, लेकिन रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनको नियुक्ति दी गई थी.
कौन हैं राकेश अस्थाना?
राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनके पिता हरे कृष्ण अस्थाना झारखंड के नेतरहाट सरकारी स्कूल में टीचर थे. यहीं से राकेश अस्थाना मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रांची पहुंचे. रांची के सेंट जेवियर कॉलेज से उन्होंने आगे की पढ़ाई की. सिविल एग्जाम क्लियर करने के बाद आईपीएस में चयन हुआ और उन्हें गुजरात कैडर मिला.
चारा घोटाले की जांच में रही अहम भूमिका
इससे पहले राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर भी रह चुके हैं. राकेश अस्थाना की बिहार के चारा घोटाले की जांच में अहम भूमिका रही थी. उन्होंने सीबीआई एसपी रहते हुए चारा घोटाले की जांच की थी. राकेश अस्थाना की तेज तर्रार आईपीएस अधिकारियों में गिनती होती है. राकेश अस्थाना वहीं अधिकारी हैं, जिनके निगरानी में सुशांत सिंह-रिया चक्रवर्ती ड्रग्स कनेक्शन मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं.
आसाराम केस में निभाई अहम भूमिका
सूरत कमिश्नर रहते हुए राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) ने आसाराम मामले में एक महत्वपूर्ण जांच अपनी निगरानी में शुरू की थी, जिसमें आसाराम और उसके बेटे की गिरफ्तारी भी की गई थी. राकेश अस्थाना ने बीएसएफ में रहते कई बड़े ऑपरेशन को लीड किया है. इसके अलावा एनसीबी (NCB) में रहते हुए दिल्ली, मुंबई और देश के कई राज्यों में बड़े ड्रग्स ऑपरेशन किए हैं.