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हिंदी और उर्दू हैं जुड़वा भाषाएं, इन्हें विलग करना असंभव है : डॉ त्रिपाठी,

Shiv Kumar Mishra
2 March 2022 1:45 PM GMT
हिंदी और उर्दू हैं जुड़वा भाषाएं, इन्हें विलग करना असंभव है : डॉ त्रिपाठी,
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‘तलाश-ए-नौबहार' की नक्सल गढ़ बस्तर में भी छाई बहार,

छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'तलाश-ए-नौबहार'(छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट युवा शायरों व नातगो की तलाश) का कोंडागांव ज़िला स्तरीय आडिशन 27 फ़रवरी 2022, रविवार दोपहर जनपद पंचायत सभा कक्ष कनेरा रोड कोंडागांव में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक एवं दिल्ली से प्रकाशित साहित्यिक मासिकपत्रिका "ककसाड़" के संपादक डा. राजाराम त्रिपाठी एवं विशेष अतिथि के रूप में जनाब इरशाद खान,जाने वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरेन्द्र यादव अध्यक्ष,छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद,उद्घोषिका एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती मधु तिवारी, वरिष्ठ साहित्यकार श्री बृजेश तिवारी एवं निर्णायक(जज) के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार, शायरा श्रीमती बरखा भाटिया एवं शायर सैय्यद तौसीफ आलम रहे।

सर्व प्रथम उपस्थित अतिथियों को पुष्पहार,पुष्पगुच्छ एवं बैच लगाकर आसंदी पर बिठाया गया। पंजीकृत एवं उपस्थित सभी प्रतिभागियों व गणमान्य श्रोताओं को भी बैच लगाकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ के पूर्व छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम "तलाश-ए-नौबहार " के विषय में विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर द्वारा संक्षिप्त रूप में परिचय दिया गया एवं कार्यक्रम का विधिवत आरंभ हुआ। उद्घोषक एवं निर्णायक व कोंडागांव के आला शायर तौसीफ आलम द्वारा क्रमशः नातगो हेतू 15 वर्ष एवं शायर/शायरा हेतू 35 वर्ष को आमंत्रित किया गया। निर्णायकों के अंतिम निर्णय के अनुसार नातगो में जिले के कोंडागांव निवासी मोहम्मद सलीम के सुपुत्र द्वय चि.अहमद रजा मेमन उम्र 13 वर्ष,प्रथम स्थान पर,चि.गुलाम मुस्तफा मेमन उम्र 11 वर्ष,द्वितीय स्थान पर रहे।शायरी में दहिकोंगा कोंडागांव के हरदिल अजीज उभरते शायर उमंग दुबे उम्र 25 वर्ष प्रथम स्थान पर रहे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी और उर्दू दरअसल जुड़वा भाषाएं हैं, जिनकी लिपि भले ही अलग अलग है लेकिन व्यवहार और बोलचाल के स्तर पर आज हिन्दी और उर्दू को एक-दूसरे से विलग करना लगभग असंभव है। हालांकि वर्तमान में इनके साहित्य व भाषा व विचार के स्तर पर स्पष्ट भिन्नताएं भी परिलक्षित हो रही हैं। आज मजहब के नाम पर देश को बांटने वाले लोग भाषा, बोली के आधार पर भी इंसान को इंसान से जुदा कर रहे हैं। इन्हें खुदा हो या भगवान कोई भी,कभी माफ नहीं करेगा।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों ने आसंदी से सभी प्रतिभागियों को आशीर्वचन एवं बधाई देते हुए राज्य स्तरीय ग्रेंड फिनाले में अपना परचम लहराने की अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाई दी।इस आयोजन में अंचल के साहित्यकारों एवं विशेष रूप से उर्दू प्रेमियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के सफल संचालन में श्री मिंटू यादव,श्री खगेश्वर देवांगन,श्री हरेन्द्र नाग,श्री चरणसिंह पटेल के साथ ही अन्य सहयोगियों का विशेष योगदान रहा।

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