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नए जोश के साथ सीएम योगी के चुनाव प्रचार में उतरा ये संगठन, 2002 खुद किया था इसका गठन

सुजीत गुप्ता
20 Jan 2022 6:15 AM GMT
नए जोश के साथ सीएम योगी के चुनाव प्रचार में उतरा ये संगठन, 2002 खुद किया था इसका गठन
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सीएम योगी आदित्‍यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही एक बार फिर वाहिनी सक्रिय हो गई है। गोरखपुर में छठवें चरण में तीन मार्च को वोटिंग होगी। हिन्‍दू युवा वाहिनी ने योगी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सघन प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। वाहिनी के महामंत्री पीके मल्‍ल ने बताया कि चुनाव आयोग की कोविड गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल घर-घर सम्‍पर्क, डिजिटल बैठकों और बूथ स्‍तर पर कार्यकर्ताओं से सम्‍पर्क के जरिए प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। जल्‍द ही कार्यकर्ताओं की सीएम योगी के साथ बैठक होगी जिसमें चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

गोरखपुर विवि के एक पूर्व छात्र नेता और हियुवा के वरिष्‍ठ नेता रामलक्ष्‍मण ने बताया कि गोरखपुर में सीएम योगी आदित्‍यनाथ की जीत सुनश्चित करने के लिए सभी वार्डों में बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। गोरखपुर के अलावा अन्‍य के विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा उम्‍मीदवारों की जीत सुनिश्‍चित करने के लिए हिन्‍दू युवा वाहिनी अपनी भूमिका का निर्वहन करेगी। 2017 के चुनाव में हिन्‍दू युवा वाहिनी के नेता राघवेन्‍द्र प्रताप सिंह ने डुमरियागंज से बसपा उम्‍मीदवार को कांटे की टक्‍कर में हरा दिया था। 171 वोटों के अंतर से उनकी जीत हुई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कई हियुवा नेता भाजपा से टिकट पाने के इच्‍छुक हैं।

सीएम योगी आदित्‍यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही हिन्‍दू युवा वाहिनी नए तेवरों के साथ प्रचार मैदान में कूद पड़ी है। घर-घर सम्‍पर्क और डिजिटल बैठकों का दौर शुरू हो गया है। क्षेत्र में बूथ स्‍तर पर संगठन को मजबूत करने का अभियान भी चल पड़ा है। हिन्‍दू युवा वाहिनी ने योगी आदित्‍यनाथ के 2004, 2009 और 2014 के चुनाव प्रचार अभियान में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हिन्‍दुत्‍व का संदेश पहुंचाया था।

वाहिनी का गठन 2002 में योगी आदित्‍यनाथ ने सांसद रहते किया था। मार्च 2017 में उनके मुख्‍यमंत्री बनने के बाद पिछले पांच वर्षों में राजनीतिक गतिविधियों से हटकर वाहिनी ने सामाजिक कार्यों जैसे राशन कार्ड वितरण, कोविड-19 की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान, इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन पर फोकस किया। इसके साथ स्‍थानीय प्रशासन से तालमेल स्‍थापित कर विकास और कल्‍याणकारी योजनाओं के प्रसार में भूमिका निभाई।

गोरखपुर के एक सरकारी कालेज में शिक्षक सत्‍यदेव सिंह ने बताया कि योगी आदित्‍यनाथ ने 2002 में हिन्‍दू युवा वाहिनी का गठन किया था। उस साल उन्‍होंने गोरखपुर से डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल को हिन्‍दू महासभा के टिकट पर भाजपा उम्‍मीदवार शिवप्रताप शुक्‍ल के खिलाफ चुनाव लड़ाया था। अग्रवाल ने शिवप्रताप शुक्‍ल को वह चुनाव हरा दिया था। इसके साथ ही पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ की नेतृत्‍व शक्ति स्‍थापित हो गई थी। इसके बाद हिन्‍दू युवा वाहिनी पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के गांव-गांव में हिन्‍दुत्‍व का एजेंडा पहुंचाने में जुट गई। 2002 में तीन सौ सदस्‍यों के साथ शुरू हुई हियुवा 2017 में 15 लाख सदस्‍य संख्‍या के साथ अत्‍यंत मजबूत स्थिति में पहुंच गई।

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