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ग्रेटर नोएडा-नोएडा की हवा हुई जहरीली, अचानक बढ़ने लगा शहर में प्रदूषण, जानें क्या है कारण

Increase in pollution in Greater Noida and Noida, know what is the reason
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ग्रेटर नोएडा-नोएडा की हवा हुई जहरीली।

ग्रेटर नोएडा और नोएडा में प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है यहां जानिए क्या है इसके पीछे का कारण

Greater Noida: मौसम धीरे धीरे करवट ले रहा है, ठंड महसूस होने लगी है। और मौसम के इसी बदलाव के बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है। दोनों शहर में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) रेड जोन में जा पुहंचा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर आज ग्रेटर नोएडा रहा, जबकि दिल्ली दूसरे नंबर पर रही। तो वहीं नोएडा का एक्यूआई 354 दर्ज किया गया है। दोनों शहरों का बढ़ता वायु प्रदूषण खतकरनाक श्रेणी में पहुंच गया है।

नोएडा में बीते हफ्ते की तुलना में इस बार वायु प्रदूषण दोगुनी रफ्तार से बढ़ा है। पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई लेवल येलो जोन और नोएडा का ग्रीन जोन में था। वायु प्रदूषण सूचकांक एप्लीकेशन समीर के अनुसार सोमवार को ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 325 दर्ज किया गया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 310, गाजियाबाद में 260 और नोएडा में 275 दर्ज किया गया है।

ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 354

रविवार को सुबह से ही हवा में घुला प्रदूषण देखने को मिला। इसके बाद शहर में दोपहर भर धुएं की परत छाई रही। लेकिन बाद में हल्की हवा चलने पर थोड़ी राहत महसूस की गई। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई ) 267, गुरुग्राम का सूचकांक 216 और बहादुरगढ़ का सूचकांक 275 दर्ज किया गया है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में 354, फरीदाबाद में 322, दिल्ली में 313 और नोएडा में 304 दर्ज किया गया था।

जानें क्या है कारण

हर साल मौसम के बदलाव से साथ ही ठंड के आगमन से पहले प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है। इस बार भी हवा में जहर घुलता दिखाई दे रहा है, शहर में सुबह से प्रदूषण का कोहरा छाया नजर आता है। इसका कारण शहर में होने वाला कंस्ट्रक्शन, खुले में पड़ा कंस्ट्रक्शन मटेरियल और ट्रैफिक का बढ़ता दबाव भी है। लेकिन कमीशन फॉर एयर क्वालिटी एंड मैनेजमेंट ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू कर दिया है। इसके तहत प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय किए जाते हैं। जिसमें कई प्रकार के प्रतिबंध भी शामिल हैं।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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