Top Stories

आईपीएस राकेश दुबे आय से अधिक संपत्ति के मामले में बुरी तरह फँसे

आईपीएस राकेश दुबे आय से अधिक संपत्ति के मामले में बुरी तरह फँसे
x

बिहार के प्रोमोटी आईपीएस एवं भोजपुर के पूर्व एसपी तथा निलंबित चल रहे राकेश दुबे आय से अधिक संपत्ति के मामले में बुरी तरह फँसे हैं। राकेश दुबे अपने सैलरी एकाउंट से एक रुपया खर्च न करते थे। ढाई करोड़ रुपये से ऊपर तो ऐसे मिले हैं और उससे इतर अरबों की संपत्ति होने के अनुमान मिले हैं। करोड़ों रुपये सूद पर चलाते थे साहब और विभिन्न बिल्डर्स ग्रुप के पास भी खूब पैसा इन्वेस्ट किया है!

राकेश दुबे ने वर्ष 2000 में डीएसपी से अपनी नौकरी शुरू की थी और देखते-देखते अरबों कूट दिए। समझ सकते हैं कि गोरखधंधा कितना तगड़ा होता होगा। ये सब छोटी मछलियाँ हैं। यदि ढंग से बड़े-बड़े मगरमच्छों को पकड़ा जाए, तो भ्रष्टाचार पर हजारों किताबें लिख जाएंगी!

उधर बिहार में शिक्षक भर्ती में भी भारी घोटाला होने का शक गहराता जा रहा। बेसिक शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत प्रसाद ऑडियो रिकॉर्डिंग में अपने भ्रष्टाचार की कहानी खुद सुना रहा कि पढ़ने-लिखने से कुछ होता है, वह तो जिसको चाहा उसको सरकारी शिक्षक बना दिया। बीडीओ के साथ उसकी बातचीत से जानकारी मिल रही कि एक शिक्षक की भर्ती का रेट दस लाख के आसपास चल रहा!

एक तो बिहार में बहाली न निकलती। जो निकलती सिपाही, दरोगा व शिक्षक की, तो उसमें भी तीन-पाँच कम नहीं होता। लालू-राबड़ी राज के बाद लगा था कि शिक्षा के क्षेत्र में स्थिति सुधरेगी, लेकिन नीतीश-भाजपा भी उसी थैली के चट्टे-बट्टे बने हुए हैं। इन्हीं चोरों के कारण सरकारी स्कूल में कोई अपने बच्चों को पढ़ाना न चाहता!

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में वहाँ के पुलिस कप्तान श्री नवीन चन्द्र झा ने अपने ही सहायक दरोगा, गश्ती गाड़ी के ड्राइवर और होमगार्ड के तीन जवानों को तब गाड़ियों से अवैध वसूली करते पकड़ लिया, जब वह आधी रात को कहीं से वापस लौट रहे थे। इसीलिए मैं कहता हूँ कि ईमानदार वरिष्ठ अधिकारियों को रात-बेरात गश्ती पर खुद निकलना चाहिए ताकि अपने ही विभाग के चोरों को भी पकड़ा जा सके!👍


Next Story