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पति-पत्नी ने रचा इतिहास, राजस्थान हाईकोर्ट में एक साथ जज बनने वाले पहले दंपति बने

राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार कोई पति-पत्नी एक साथ जज बनने जा रहे हैं। आपको बता दें कि भारत में दूसरी बार है कि कोई पति-पत्नी किसी हाईकोर्ट में एक साथ जज बने हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के इतिहास में एक नया रिकोर्ड दर्ज हो गया है। डीजे शुभा मेहता के लिए हाईकोर्ट जज का नियुक्ति वारंट जारी होने के साथ ही यह रिकॉर्ड बन गया है।
शुभा मेहता के पति जस्टिस महेन्द्र गोयल पहले से ही हाईकोर्ट में जज हैं। अब उनकी पत्नी डीजे शुभा मेहता की भी हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति हो गई हैं। इस नियुक्ति के बाद राजस्थान हाईकोर्ट के 72 सालों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि कोई दंपति एक साथ मामलों में सुनवाई करेंगे। जस्टिस महेंद्र गोयल की 6 नवम्बर 2019 को अधिवक्ता कोटे से हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्ति हुई थी।
इससे पहले देश में मद्रास हाईकोर्ट में सबसे पहले पति-पत्नी एक साथ जज बने थे। हाईकोर्ट जज जस्टिस मुरली शंकर कुप्पुराजू और जस्टिस तमिलसेल्वी टी वलयापलायम ने एक साथ साल 2020 में मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश की शपथ ली थी। मद्रास हाईकोर्ट के बाद संभवत राजस्थान में यह दूसरा मौका है जब न्यायाधीश दम्पत्ती एक साथ एक ही हाईकोर्ट में मामलों की सुनवाई करेंगे। हालांकि दोनों एक साथ जज़ नहीं बने है। जस्टिस गोयल की नियुक्ति करीब ढ़ाई साल पहले हो चुकी है। इस उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। घर वाले उनकी उपलब्धि पर गौरव महसूस कर रहे हैं।
कुलदीप माथुर भी हाईकोर्ट जज बने
डीजे शुभा मेहता के अतिरिक्त अधिवक्ता कोटे से कुलदीप माथुर को भी हाईकोर्ट जज बनाया गया है। इनके नियुक्ति वारंट भी राष्ट्रपति भवन ने जारी किए गए हैं। मूल रूप से बाड़मेर के रहने वाले कुलदीप माथुर ने जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है। वहीं 1993 से वकालत के पेश में हैं। इन्हें संविधान के अलावा सर्विस मैटर में भी विशेषज्ञता हासिल है।




