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जम्मू-कश्मीर में बजेगा चुनावी बिगुल? परिसीमन आयोग ने जारी की अंतिम रिपोर्ट, जानें कहां बढ़ीं कितनी सीटें, कब होंगे चुनाव

जम्मू-कश्मीर में बजेगा चुनावी बिगुल? परिसीमन आयोग ने जारी की अंतिम रिपोर्ट, जानें कहां बढ़ीं कितनी सीटें, कब होंगे चुनाव
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परिसीमन आयोग ने जारी की अंतिम रिपोर्ट

क्या होता है परिसीमन,

परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। गुरुवार को नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट को जारी किया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आयोग के लिए छह मई 2022 तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा निर्धारित थी। इससे पहले आयोग की तरफ से मसौदा रिपोर्ट जारी कर जम्मू कश्मीर से सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के जारी होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में जम्मू कश्मीर में चुनाव का बिगुल भी जल्द ही सुनाई दिया जा सकता है।

विधानसभा सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी। इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी जिसमें ससे 47 कश्मीर संभाग और 43 जम्मू संभाग की होंगी। इसके अलावा 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 07 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी।

जम्मू-कश्मीर में जून 2018 से कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। जब यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी उसके बाद ही चुनाव का ऐलान होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात का वादा किया है कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्यों की तरह काम करने का मौका मिलेगा। यह पैनल सरकार ने मार्च 2020 में बनाया था। इसकी हेड सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई थीं। इसके अलावा चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा और डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंदर भूषण कुमार इस पैनल में शामिल थे।

प्रत्येक लोकसभा में होंगे 18 विधानसभा क्षेत्र

जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी। पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए हैं। प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया है।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अक्तूबर तक हो सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। अगले छह से आठ महीने में विधानसभा के चुनाव होंगे। इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद कराना ज्यादा मुफीद माना जा रहा है क्योंकि यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय बल प्रदेश में मौजूद रहेंगे। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त तामझाम नहीं करना होगा।

क्या होता है परिसीमन- विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया परिसीमन कहलाती है। परिसीमन का काम किसी उच्चाधिकार निकाय को दिया जाता है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश में एक बार फिर परिसीमन के लिए आयोग बनाया गया है। इस बार सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार परिसीमन 1995 में हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसीलें हुआ करती थीं। वर्तमान में प्रदेश में 20 जिले हैं और 270 तहसील हैं। पिछला परिसीमन 1981 की जनगणना के आधार पर हुआ था। इस बार परिसीमन आयोग 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का काम कर रहा है।

परिसीमन में किन चीजों का रखा जाता है ख्याल- विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन में जनसंख्या मुख्य आधार रहता ही है। इसके अलावा क्षेत्रफल, भौगोलिक परिस्थिति, संचार की सुविधा आदि पर भी गौर किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में अब तक 1963, 1973 व 1995 में परिसीमन की प्रक्रिया हुई है।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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