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Kanwar Yatra 2024 Guideline: कांवड़ यात्रा की तैयारी पूरी, इन नियमों का करना होगा पालन

Special Coverage Desk Editor
20 Jun 2024 12:34 PM IST
Kanwar Yatra 2024 Guideline: कांवड़ यात्रा की तैयारी पूरी, इन नियमों का करना होगा पालन
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Kanwar Yatra 2024 Guideline: कांवड यात्रा देश की प्रशिद्ध यात्राओं में शामिल है. हर साल करोड़ों श्रद्धालु आस्था के लिए हरिद्वार से जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

Kanwar Yatra 2024 Guideline: देश में जिस प्रकार से अमरनाथ यात्रा प्रशिद्ध है, ठीक वैसे ही कांवड यात्रा का भी बड़ा महत्व है. हर साल करोड़ों लोग कांवड़ लेने लिए हरिद्वार जाते हैं. साथ ही वहां से जल लाकर जलाभिषेक करते हैं.. आपको बता दें कि इस बार कांवड यात्रा 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू हो रही है. सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक किया जाता है. पंडितों के मुताबिक इस बार अधिकमास के दो मासिक शिवरात्रि होंगी. पहली शिवरात्रि 15 जुलाई को होगी और जल का समय 16 जुलाई को सुबह 12:11 बजे से 12:54 बजे के बीच होगा. कांवड यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है...

पहचान पत्र होना जरूरी

विगत साल की तरह इस बार बिना पहचान पत्र के किसी भी कांवडिये को हरिद्वार में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस बार डीजे पर किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं है. भक्त किसी भी टाइम डीजे बजा सकते हैं. कांडव की ऊंचाई 12 फिट तय की गई है. इससे ऊंची कांवड अलाउड नहीं होगी. कांवड़िए अपने साथ भाले या त्रिशूल जैसे नुकीले सामान नहीं लेकर चल सकेंगे. इन पर पूर्णत: प्रतिबंद लगाया गया है. वहीं कांवड मार्ग पर जगह-जगह पुलिस पिकेट बनाई गई है. ताकि कोई भी असमाजिक तत्व सक्रिय न हो सके.

जिला कलेक्ट्रेट से बनवाएं आईडी

यदि किसी भक्त के पास आईडी नहीं है तो अपने जिले के कलेक्ट्रेट जाकर आवेदन करें. आपको कुछ ही घंटों में आईडी मिल जाएगी. इस बार कांवड यात्रा में भारी भीड़ का अंदेशा लगाया जा रहा है. इसलिए बिना आईडी के किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी. डाक कांवड वाले वाहनों की स्पीड 20 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होना चाहिए. क्योंकि कई बार ये स्पीड़ भी दुर्घटना का कारण बन जाती है. उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगे हुए हैं जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के लगभग 1000 कैमरे सुरक्षा के लिए लगे हुए हैं उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं.

कांवड़ यात्रा कब होती है?

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह पवित्र यात्रा जुलाई और अगस्त माह के मध्य ही संपन्न होती है. हालांकि, बिहार और झारखंड राज्य में सुल्तानगंज से देवघर तक की कांवड़ यात्रा कांवड़ियों द्वारा पूरे साल की जाती है. लेकिन हरिद्वार की कांवड यात्रा का बहुत ही महत्व होता है. करोड़ों लोग आस्था के लिए जल लेकर आते हैं साथ ही भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

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