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यूपी पुलिस ने गृह राज्यमंत्री के घर पर चिपकाया दूसरा नोटिस, फरार आशीष मिश्रा को कल सुबह 11 बजे बुलाया

Arun Mishra
8 Oct 2021 8:59 AM GMT
यूपी पुलिस ने गृह राज्यमंत्री के घर पर चिपकाया दूसरा नोटिस, फरार आशीष मिश्रा को कल सुबह 11 बजे बुलाया
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आशीष मिश्रा कहां गायब है? यह फिलहाल किसी को नहीं पता।

लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा घर पर नोटिस चस्‍पा होने के बावजूद आज क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर नहीं हुआ। क्राइम ब्रांच ने सुबह 10 बजे उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद आज फिर यूपी पुलिस ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के घर पर दूसरा नोटिस चिपकाया है और पूछताछ के लिए कल सुबह 11 बजे बुलाया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'आशीष को पुलिस ने सुबह 10 बजे तलब किया था लेकिन अब तक वह नहीं पहुंचे। जांच टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल समय पर कार्यालय पहुंच गये हैं।'

इस बीच मीडिया रिपोर्टस में आशीष के लखीमपुर से लगे नेपाल के सीमावर्ती इलाके में छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।आशीष मिश्रा कहां गायब है? यह फिलहाल किसी को नहीं पता। आशीष के छिपे होने की आशंका के बीच उसके भाई अमित मिश्रा का बयान आया है। अमित ने दावा किया कि जल्द ही आशीष जांच में शामिल होंगे।

बता दें कि FIR में आशीष मिश्रा का नाम है। लखीमपुर के तिकुनिया में जहां 4 किसानों की मौत हुई थी, उस घटना में आशीष मुख्य आरोपी है। आशीष मिश्रा गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है।

दो आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी कांड में दो आरोपियों को पुलिस गुरुवार को गिरफ्तार कर चुकी है. इसमें आशीष पांडेय और लवकुश को गिरफ्तार किया गया है. दोनों घटना में शामिल थे और घायल भी हुए थे. पुलिस पर दबाव बन रहा था कि घटना के इतने दिन बीत जाने के बावजूद अबतक किसी से ना तो पूछताछ हुई है और ना ही कोई गिरफ्तारी. सुप्रीम कोर्ट ने भी गुरुवार को जब इस मामले की सुनवाई की तो उन्होंने यूपी सरकार से इस बीच की जानकारी मांगी कि केस की मौजूदा स्टेटस रिपोर्ट क्या है. इसमें कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई, कितनी FIR, जांच आयोग आदि सभी बातों की जानकारी मांगी गई है.

बता दें कि लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला सामने आया था. इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके अलावा चार अन्य लोग भी मारे गए थे. इसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे. मारे गए सभी लोगों के परिवारों को यूपी सरकार ने 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है.

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