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Lakhimpur Kheri Live Updates: राकेश टिकैत के समझाने पर परिवार किसानों का अंतिम संस्कार करने को तैयार

Shiv Kumar Mishra
5 Oct 2021 10:19 AM GMT
Lakhimpur Kheri Live Updates: राकेश टिकैत के समझाने पर परिवार किसानों का अंतिम संस्कार करने को तैयार
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लखीमपुर खीरी का नया वीडियो सामने आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप के बीच दो किसानों के परिजनों ने अंतिम संस्कार रोक दिया था। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने पलिया पहुंचे। राकेश टिकैत से बातचीत के बाद परिवार वाले दोनों किसानों का अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गए हैं।

घटना में मारे गए पलिया के किसान लवप्रीत सिंह और धौरहरा के नक्षत्र सिंह का शव पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को परिजनों के हवाले कर दिया गया था। इसी बीच वीडियो सामने आने और तरह-तरह की चर्चाओं के बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग करते हुए अंतिम संस्कार रोक दिया था।

बताया जाता है कि प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट लवप्रीत के परिजनों को दिखाई फिर भी परिजन अंतिम संस्कार को राजी नहीं हुए हैं। ऐसे में राकेश टिकैत परिजनों से मिलने पहुंचे। लवप्रीत के परिवार से बंद कमरे में राकेश टिकैत की बातचीत हुई। धौरहरा में किसान नक्षत्र सिंह के परिवार से भी बातचीत हुई। इसके बाद दोनों परिवार अंतिम संस्कार को राजा हुए।

लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल में चार किसानों की मौत हुई है। इसमें से दो के परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करने को कहा तो पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। राकेश टिकैत से पहले लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह धौरहरा के किसान नक्षत्र सिंह के गांव पहुंचीं और परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश में जुटी रहीं। बाद में राकेश टिकैत पहुंचे और बातचीत कर मनाया।

वीडियो वायरल होने से हमलावर विपक्ष

सोमवार की शाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें जीप से कुछ लोगों को रौंदा जाना दिख रहा है। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद ही लखीमपुर में किसानों का गुस्‍सा भड़का और हालात काबू से बाहर हो गए। वीडियो को प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी से कई सवाल पूछे हैं। आप सांसद संजय सिंह समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने इस वीडियो को शेयर कर भाजपा को निशाने पर लिया है।

इससे पहले सोमवार दोपहर मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी, घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा, पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से कराने की सहमति के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने को राजी थे। बवाल के बाद भड़के लोगों ने चारों लाशें रविवार को तिकुनिया गांव के बाहर सड़क पर रख दीं थी। नाराज भीड़ ने पुलिस-प्रशासन को दो टूक जवाब दे दिया था कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी होती, शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सोमवार दिनभर गाड़ियों में भरकर भीड़ का रेला वहां आता रहा और लोग चारों शवों के अंतिम दर्शन करते रहे। 24 घंटे से अधिक समय तक शव वहां रखे रहे। आखिर में जब सुलह का रास्ता बना तो किसान नेता राकेश टिकैत के समझाने के बाद लोगों ने शव पुलिस को सौंपा। इसके बाद उनका पोस्टमार्टम हुआ था।

Shiv Kumar Mishra

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