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शिवपाल के आवास पर कई नेताओं का जमघट, क्या चाचा भतीजे के बीच फिर बढ़ी दूरियां!

विधानसभा चुनाव 2022 में छोटे दलों को एक साथ लेकर बड़ा मोर्चा तैयार करने की जुगत में लगे प्रगतिशिील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने एक मजबूत कदम बढ़ाया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को प्रसपा तथा सपा के साथ गठबंधन पर बात करने के लिए 11 अक्टूबर तक का समय देने वाले शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को लखनऊ में अपने आवास पर 'छोटे' दल के नेताओं की बड़ी बैठक की।
शिवपाल सिंह यादव ने प्रसपा की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन ना हो की स्थिति को लेकर भी बड़ा विकल्प तैयार करने की शुरुआत कर दी है। लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर बुधवार को उनके आवास पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, एआइएमआइएम असदउद्दीन ओवैसी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने काफी देर तक बैठक की। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर यह कोई नया मोर्चा तैयार कर सकते हैं। जिसकी कमान शिवपाल सिंह यादव के पास रहेगी। शिवपाल सिंह यादव को भी भरोसा है कि इन तीनों दल के साथ कई और छोटे दल उनके साथ हैं।
समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तथा अखिलेश यादव के साथ सुलह की सभी उम्मीद टूटने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी, चन्द्रशेखर से कल भेंट के दौरान नया मोर्चा तैयार करने की पहल की है। शायद प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का समाजवादी पार्टी को सब्र अब जवाब दे रहा है। मंगलवार को इटावा में उन्होंने दो टूक कह दिया कि 11 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। यदि अखिलेश जवाब नहीं देते हैं तो वह 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथ यात्र शुरू कर देंगे। अगले ही दिन यानी बुधवार को ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी और चंद्रशेखर लखनऊ में शिवपाल के सरकारी आवास पहुंच गए।
वहां करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बाहर निकलकर किसी ने मीडिया को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने लिए शिवपाल से बात हुई है। प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ रोकने के लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इधर भाजपा ने भी अपनी तैयारी मजबूत कर दी है। भाजपा ने हाल ही में अपना दल व निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी है। प्रदेश मे समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस ने भी छोटे दलों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं।




