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मेरठ का जवान हुआ शहीद, 16 दिन पहले मुठभेड़ के दौरान लगी थी गोली

मेरठ का जवान हुआ शहीद, 16 दिन पहले मुठभेड़ के दौरान लगी थी गोली
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27 अगस्त को वह जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में घायल हो गए थे

नई दिल्ली: मेरठ के मेजर मयंक विश्नोई जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं। 27 अगस्त को वह जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में घायल हो गए थे। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 16 दिन से वह मौत से जंग लड़ रहे थे। मयंक की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया। कल यानी रविवार सुबह शहीद मेजर का पार्थिव शरीर मेरठ स्थित उसके आवास लाया जाएगा। जिसके बाद सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर को अंतिम विदाई दी जाएगी।

मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिवलोकपुरी निवासी रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र विश्ननोई के बेटे मेजर मयंक (30 उम्र) 2010 में IMA देहरादून से पासआउट हुए थे। उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। 27 अगस्त 2021 को जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेजर मयंक को सिर में गोली लगी। जिसके बाद सेना के अधिकारियों ने गंभीर हालत में मेजर को उधमपुर के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया। यहां मेजर मयंक की उपचार के दौरान मौत हो गई।

मेजर मयंक विश्नोई की शहादत की खबर सुनते ही परिवार में मातम पसर गया। आसपास के लोगों का भी शहीद के घर पहुंचना शुरू हो गया। यहां लोग शहीद के परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। मेजर मयंक के पिता और अन्य परिजन उधमपुर में ही हैं। घर पर रिश्तेदार और परिवार के अन्य सदस्य हैं। मेजर मयंक के मामा ऊषा ने बताया कि मयंक का बचपन से ही जुनून था कि उसे सेना में जाना है और देश की सेवा करना है। मगर यह नहीं पता था कि 30 साल की उम्र में ही देश की खातिर शहीद हो जाएगा।

शिवलोकपुरी स्थित मेजर के घर पर रिश्तेदार भी एक खामोशी साधे हुए हैं। यहां रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। मेजर के चचेरे भाई अंकित विश्नोई ने बताया कि सेना की तरफ से बताया गया है कि अभी पार्थिव शरीर उधमपुर के मिलिट्री अस्पताल में है। रविवार सुबह पार्थिव शरीर मेरठ लाया जाएगा। जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर मयंक विश्नोई को अंतिम विदाई दी जाएगी.

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