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Gyanvapi Survey: सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए ASI के समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति, लगाया ये बड़ा आरोप

Muslim side expressed objection on asking for more time for survey in Gyanvapi
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ज्ञानवापी में सर्वे के लिए और समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति।

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने के आवेदन पर आज जिला अदालत में सुनवाई हुई। पढ़िए पूरी खबर...

ASI Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वे को लेकर बड़ी खबर आ रही है। ज्ञानवाी परिसर का सर्वे पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगने के एएसआइ के प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति जताई है। सोमवार को जिला जज की अदालत में मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल कर कहा कि जो हलफनामा कोर्ट में दिया है उसके विपरित सर्वे किया जा रहा है।

हलफनामें में ये कहा मुस्लिम पक्ष ने

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हलफनामें में कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI को जीपीआर तकनीक से सर्वे की अनुमति है लेकिन ज्ञानवापी परिसर में जगह-जगह खोदाई की जा रही है। मलबे को ट्र्क से हटाया जा रहा है। एएसआई टीम द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सर्वे के लिए और समय नहीं देकर न्याय किया जाए।

ASI ने की है 8 सप्ताह समय बढ़ाने की मांग

इस पर जिला जज की अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तिथि तय की गयी है। इसी दिन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मूल वाद में लंबित अन्य आवेदनों पर भी सुनवाई होनी है। फिलहाल, सर्वे जारी है। इसकी रिपोर्ट अदालत को नहीं दी जा सकी है। बीते शुक्रवार को ही एएसआई ने ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह यानी कि 56 दिन का समय मांगा था।

ASI की तरफ से स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का एएसआई वैज्ञानिक जांच-सर्वे कर रहा है। पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर और अन्य तकनीकी कर्मियों की टीम लगी है। राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम जीपीआर सर्वे कर रही है। प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण और अध्ययन भी किया जा रहा है।

मलबे के सफाई में लग रहा समय-ASI

स्टैंडिंग काउंसिल ने दाखिल अर्जी के माध्यम से कहा कि सर्वे और जांच के दौरान बहुत सारी वस्तुएं मिली हैं। ढीली मिट्टी और निर्माण सामग्री है। ईंट, कचरा व मलबा मिल रहा है। वैज्ञानिक रूप से संरचनाओं की जांच करने के लिए कार्यशील फर्श के स्तर से ऊपर के मलबे आदि की सफाई जारी है। चूंकि अदालत ने सभी तहखानों की जमीन के नीचे सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, इसलिए यह आवश्यक है कि वहां डंप या जमा मलबा खड़े ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर हटा दिया जाए। मलबा बहुत सावधानी से और व्यवस्थित ढंग से हटाया जा रहा है, जो एक धीमी प्रक्रिया है। न्यायालय के निर्देशानुसार सभी तहखानों की जमीन के सर्वे के लिए साफ करने में कुछ और समय लगेगा। ऐसे में सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का और समय दिया जाए।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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