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Nepal News Hindi: नेपाल में बदले राजनीतिक समीकरण, प्रचंड की कुर्सी को खतरा, 13 वीं बार गिरने जा रही सरकार

Special Coverage Desk Editor
5 July 2024 11:42 AM IST
Nepal News Hindi: नेपाल में बदले राजनीतिक समीकरण, प्रचंड की कुर्सी को खतरा, 13 वीं बार गिरने जा रही सरकार
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Nepal News Hindi: नेपाल में एक बार फिर से राजनीतिक उथल-पथल देखने को मिल रही है. पीएम पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. 16 वर्षों में ऐसा 13वीं बार है, जब कोई सरकार गिरने वाली है.

नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार ​​फिर नए राजनीतिक समीकरण तैयार हो रहे हैं. इससे पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की सरकार के गिरने के आसार हैं. शेर बहादुर देउबा जो नेपाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं, उन्होंने प्रचंड से इस्तीफा देने को कहा है. प्रचंड सरकार को पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) यानी CPN-UML का समर्थन प्राप्त था. अब ओली की पार्टी ने प्रचंड सरकार से हाथ खींच लिया है. अब CPN-UML ने नए राजनीतिक समीकरण तय किए हैं. उसका नेपाली कांग्रेस से गठबंधन हुआ है. हालांकि, प्रचंड ने पीएम पद से इस्तीफा देने इनकार कर दिया है. वे संसद में विश्वास मत का सामना करने को तैयार हैं. पीएम को 30 दिनों के अंदर विश्वास मत को हासिल करना होगा.

प्रचंड के समर्थन ने चल रही थी देउबा सरकार

आपको बता दें कि नेपाल के पीएम प्रचंड ने इस वर्ष मार्च के माह में शेर बहादुर देउबा की पार्टी को बाहर से समर्थन किया था. देउबा की पार्टी प्रचंड के समर्थन ने चल रही थी. मगर 15 महीनों तक सरकार चलने के बाद ये सरकार गिर गई. मार्च में देउबा की पार्टी को बाहर करके ओली पार्टी CPN-UML को सरकार में जोड़ लिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते हफ्ते देउबा और ओली की मुलाकात हुई. अब शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस और केपी शर्मा ओली की CPN-UML के बीच साठगांठ हो चुकी है. दो दलों के बीच यह तय हुआ है कि देउबा और ओली दोनों ही बारी-बारी से पीएम बनेंगे. पहले टर्म में केपी शर्मा ओली पीएम बनेंगे. इसके बाद देउबा को मौका मिलेगा.

संविधान संशोधन को लेकर एक ड्राफ्ट भी बनाया

दोनों पार्टियोंं के बीच सिर्फ पीएम पद के बंटवारे को लेकर ही समझौता नहीं हुआ है,बल्कि इसमें अन्य कई बातें भी हैं. जैसे जो पार्टी का नेता सरकार का नेतृत्व करेगा, उसके दल से किसी भी शख्स को गृह मंत्रालय नहीं मिलेगा. इस मतलब ये है कि अगर पहले टर्म में ओली पीएम बनते हैं तो उनके दल को गृह मंत्रालय नहीं मिलने वाला है. यह पद शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस को मिलने वाला है. दोनों दलों ने संविधान संशोधन को लेकर एक ड्राफ्ट भी बनाया है. इसमें उपराष्ट्रपति को नेशनल असेंबली का अध्यक्ष बनाने का प्रावधान है. ओली और देउबा की पार्टी केंद्र के अलावा प्रांत में भी सरकार बनाएगी. ओली की पार्टी कोशी, लुंबिनी और करनाली प्रांत में सरकार का नेतृत्व करने वाली है. वहीं देउबा की पार्टी बागमती, गंडकी और सुदूर-पश्चिमी प्रांतों में सरकार का गठन करने वाली है.

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