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एक बार दरिंदे के अंदर भी जागी थी इंसानियत चार साल की मासूम देखकर, फिर बगड़ गया ईमान...पूरी कहानी जानकर

Shiv Kumar Mishra
30 Sep 2021 12:15 PM GMT
एक बार दरिंदे के अंदर भी जागी थी इंसानियत चार साल की मासूम देखकर, फिर बगड़ गया ईमान...पूरी कहानी जानकर
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गोंडा में तीन साल की बेटी के पिता ने चार साल की मासूम संग जो दरिंदगी की है उसे सुन हर कोई हैरान है। मगर पुलिस पूछताछ में उसने जो खुलासे किए हैं, उसे सुन पुलिस भी चौंकने को मजबूर हुई। हालांकि गिरफ्तारी के बाद जुर्म स्वीकारते हुए उसने पछतावा भी व्यक्त किया है। मगर अब देर हो चुकी है। सबसे खास बात ये है कि नशे में जब वह बच्ची को समोसा खिलाने के बाद एकांत में ले गया तो पहली बार में उसने बच्ची को छोड़ दिया और कह दिया कि घर चली जाओ।

फिर कुछ पल बीतने पर ही उसका ईमान बिगड़ गया और बच्ची का पीछा कर फिर उसे गोद में उठा लाया। वापस लाने के बाद फिर उसके साथ दुष्कर्म किया और मुंह पानी में डुबोकर मार दिया। वह खुद स्वीकार रहा है कि अगर बच्ची चली गई होती तो शायद यह वारदात न होती। अब उसे अपने किए पर पछतावा है।

पुलिस पूछताछ में आरोपी अर्जुन ने स्वीकारा कि वह पेशे से राजमिस्त्री है। गांव में ही दूसरे छोर पर कृष्ण गोपाल के मकान पर निर्माण का काम कर रहा था। तीन साल की उसकी बेटी भी है। करीब एक पखवाड़ा पहले उसकी पत्नी बेटी को लेकर मायके चली गई थी। इसलिए वह घर पर अकेला था। घटना वाली शाम काम से लौटने के बाद उसने शराब पी और अचानक नशे में बच्ची को बातों में उलझाकर खाने का सामान दिलाने के बहाने ले गया और वारदात को अंजाम दे दिया। फिर घर पहुंचकर सो गया। सुबह जागने पर उसे बहुत पछतावा हुआ।

पहले वह उस स्थान पर गया, जब उसने बच्ची को डुबोया था। वहां शव नहीं था। फिर वह अपने काम पर पहुंच गया। दोपहर में पुलिस के गांव में आने के बाद वह अपने घर नहीं पहुंचा। जल्दी जल्दी काम खत्म करने के बाद चार बजे उसने कृष्ण गोपाल से कहा कि उसकी मां का एक्सीडेंट हो गया है। उसे 500 रुपये दे दो, अलीगढ़ जाना है। कृष्ण गोपाल ने उसकी बात पर भरोसा कर रुपये दे दिए। फिर उसने यह भी कहा कि किसी से उसे जल्दी खैर तक छुड़वा दो। इस पर कृष्ण गोपाल ने अपने दोनों भाइयों संग उसे बाइक पर खैर छुड़वाया।

खैर से मोबाइल लेकर भागा, मुकदमा दर्ज

कृष्णगोपाल के भाइयों ने उसे जब खैर में अलीगढ़ अड्डे उतारा तो उसने वहां अपना मोबाइल बैटरी न होने का हवाला देकर स्विच ऑफ कर लिया। किसी से बात करने के लिए उनका मोबाइल मांगा और बात करते-करते मोबाइल लेकर भाग गया। उन दोनों भाइयों ने उसे काफी खोजा। मगर वह नहीं मिला। फिर वे गांव लौट आए। इसके बाद रात होते होते पुलिस को यह पता लगा कि रविवार शाम आखिरी बार बच्ची को अर्जुन संग देखा गया था तो पुलिस करीब रात 11 बजे उसके घर पहुंची। मगर पता चला कि वह सुबह से घर पर नहीं है।

यह भी पता चला कि वह कृष्णगोपाल का मकान बना रहा है। इस पर पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि वह शाम 5 बजे यहां से गया है। उसके भाई उसे खैर छोड़कर आए हैं और वह झूठ बोलकर 500 रुपये व उनका मोबाइल लेकर भागा है। सोमवार रात में इस बात पर पुलिस ने भरोसा नहीं किया।


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