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पुलिस की छवि बेहतर बनाने में लगी हैं पूनम कुजुर

सुजीत गुप्ता
28 Nov 2021 12:25 PM GMT
पुलिस की छवि बेहतर बनाने में लगी हैं पूनम कुजुर
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पूनम कुजुर का एक और चेहरा है जो उनकी व्यवस्था के बावजूद उनको जानवरों का प्रेम जगजाहिर है वह हर दिन समय निकालकर जानवरों को खाना खिलाती हैं और अगर कोई लावारिस जानवर उनको कमजोर या किसी एक्सीडेंट से चोट लगा हुआ मिलता है तो उसकी वह सेवा स्वभाव और साथ साथ में उसकी अच्छे इलाज का भी व्यवस्था करती है।

कुमार कृष्णन

आठ वर्षों के दौरान पुलिस सेवा में झारखंड में पुनम कुजूर ने अपनी खास पहचान बनायी है। वह बहुत सुबह जाग जाती हैं। अपनी ख़ाकी वर्दी पहनती और तैयार हो जाती हैं उन सभी लोगों को सबक सिखाने के लिये जो ग़लत काम करते हैं। वे अपने घर इस गर्व के साथ वापस जाती हैं कि अपने देश को अपराध और हिंसा से मुक्त करने के अपने मिशन के एक दिन और करीब पहुंच गई हैं।

गुमला जिला के वर्तमान जारी प्रखंड के देवरी गांव की रहने वाली हैं उनकी माता शशि कला कुजूर नर्स तथा पिताजी स्वर्गीय इलियाज कुजुर छत्तीसगढ़ में व्यापारी थे। मैट्रिक तक की पढ़ाई उन्होंने सिमडेगा जिला में नानी घर रह कर उर्सलाइन कान्वेंट सीमा टोली से की तथा इंटर की पढ़ाई कार्तिक महाविद्यालय गुमला से की एवं ग्रेजुएशन सेंट जेवियर कॉलेज रांची में और मास्टर डिग्री रांची कॉलेज रांची से की साथ ही उन्होंने बीएड रांची कॉलेज से 2011 में कंप्लीट किया तथा 2012 , 22 जून को पीटीसी हजारीबाग में चयन के बाद प्रशिक्षण में योगदान किया, 2013 में ट्रेनिंग के बाद प्रथम पोस्टिंग कोर नक्सलवाद से ग्रसित चाईबासा जिला में हुई। चक्रधरपुर थाना में जेएसआई के रूप में रही इस थाने में एएसआई के पद पर रहते हुए गरीब एवं असहाय लोगों की मदद के साथ ही पीड़ितों के साथ न्याय दिलाई।

थाना प्रभारी के रूप में पहला पदस्थापन 2013 में मझगांव थाना में हुआ जहां पर उन्होंने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में हर तबके के लोगों को न्याय दिलाने में मदद की। इनके समय में इंटर स्टेट उड़ीसा झारखंड के क्रिमिनल को जेल भेजा। उस दौरान इनके क्षेत्र में किसी तरह की चोरी डकैती या लूटपाट नहीं हुई इससे पहले झारखंड और उड़ीसा के चोर और बदमाश बॉर्डर पार के इलाकों में अलग-अलग थानों में लूट और चोरी की घटना को अंजाम देते थे किंतु इनके योगदान के बाद सभी तरह का अपराध बंद हुआ।

थाना प्रभारी के रूप में इनका दूसरा पदस्थापन महिला थाना किरीबुरू के खुलने के कारण पहली महिला थाना प्रभारी के रूप में इनकी पदस्थापन हुई जहां वह डेढ़ साल तक रहे तथा तीसरी पदस्थापन नक्सल प्रभावित थाना किरीबुरू जनरल थाना में हुआ जहां यह किरीबुरू जनरल थाना के साथ-साथ महिला थाना किरीबुरू दोनों के प्रभार में रही इस दौरान महिला प्रभारी के रूप में होने के बावजूद नक्सल अभियान में पुरुषों के साथ जाती थी उन्होंने कभी भी यह एहसास नहीं होने दिया तो वह एक महिला है और पुरुषों के साथ हर अभियान का हिस्सा बनी वह काम किया जो एक महिला ऑफिसर को करना चाहिए। इन्होंने चाईबासा जिले में 5 साल तक काम किया और अपने काम का लोहा मनवाया कभी भी अपने नारी होने को कमजोरी नहीं इसको ताकत बनाया और अपने कार्य करने की बदौलत लोगों के बीच में बहुत ख्याति अर्जित की।

इसके बाद इनको दूसरे जिला में तवादला किया गया इनकी पोस्टिंग बोकारो जिला के जसीडीह थाना में थाना प्रभारी के रूप में हुआ जहां कोयला चोरों का आतंक था और वह पुलिस की आंखों की किरकिरी दूसरी ओर 20 वर्ष से लूट काम का शातिर अपराधी दानिश उर्फ अख्तर को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की तथा दिवंगत जज उत्तम आनंद के द्वारा उस अपराधी को त्वरित सुनवाई करते हुए फाइनल सजा भी सुनाया गया। महिला थाना चास में भी इनकी पदस्थापना हुई जहां पर कई महिलाओं को न्याय मिला वर्तमान में पूनम कुजुर पेटरवार थाना में पदस्थापित हैं जो 4 दिसंबर 2020 से अब तक निस्वार्थ लोगों की सेवा कर रही हैं और अपने कर्तव्य का पालन कर रही हैं पूनम कुजूर काफी संवेदनशील हैं और उनकी संवेदनशीलता इसी बात से उजागर होती है कि बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड के पैक नारायण थाना क्षेत्र के देगा गाढ़ा नारायणपुर निवासी सबर मांझी की पुत्री छात्रा चिंता कुमारी ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए प्लस टू इण्टर विद्यालय, पेटरवार में नामांकन की गुहार लगाई थी पूनम कुजूर में पहल करके उसका नामांकन कराया साथ ही या भरोसा दिलाया कि जहां तक पड़ेगी हर संभव मदद किया जाएगा।

पूनम कुजुर का एक और चेहरा है जो उनकी व्यवस्था के बावजूद उनको जानवरों का प्रेम जगजाहिर है वह हर दिन समय निकालकर जानवरों को खाना खिलाती हैं और अगर कोई लावारिस जानवर उनको कमजोर या किसी एक्सीडेंट से चोट लगा हुआ मिलता है तो उसकी वह सेवा स्वभाव और साथ साथ में उसकी अच्छे इलाज का भी व्यवस्था करती है।

हमेशा अपने कार्य के प्रति सजग रहते हुए समस्याओं को समाधान तुरंत करने का प्रयास करती हैं गंभीर मामलों में पुलिस के सख्त तेवर अपनाती हैं। मूक पशुओं की सेवा को यह धर्म मानती हैं यथाशक्ति नियमित रूप से खाना खिलाती हैं और सेवा करती हैं वह जानवर के सुख दुख और पीड़ा को समझती हैं और उनकी भावनाओं को भी समझने की कोशिश करती हैं साथ ही गरीब परिवार को अक्सर आर्थिक मदद पहुंचाती हैं जो भी मदद मांगता है उसे वह निराश नहीं करती हर संभव मदद करती हैं, वह अनुशासित रहकर इमानदारी से कार्य करती है और चाहती की जनता के बीच में पुलिस की छवि बेहतर बने और हर पीड़ित के साथ न्याय मिले और अपराधी को सजा मिले या अपने क्षेत्र से अपराध को खत्म करना चाहती हैं और ऐसा माहौल पैदा करना चाहती हैं जहां पर बहुत सारे लोगों को बीच में पुलिस का डर होता है वह डर खत्म हो जाए और अपनी बात वह पुलिस के सामने रख सके ऐसा माहौल अपने थाना क्षेत्र में बनाना चाहती हैं।

झारखंड के वासियों को देना चाहती है। पुलिस आपकी दोस्त हैं आप उनसे अपनी बातें शेयर करें और कोई भी परेशानी हो उनको बताएं वह आपके हर रूप से मदद करेंगे खासकर के लड़कियों और औरतों को परेशानी होती है। महिलाये डरती हैं कि लोग क्या इसलके लिए पूनम कुजूर से सोशल मीडिया के माध्यम से भी संपर्क कर सकती हैं और उनको अपनी बात बता सकती हैं थाना का नंबर होता है उस पर कॉल करके बात कर सकती या जो भी ऐसे लोग हैं जो औरतें हैं लड़कियां हैं उनको कोई परेशान करता है उसका पति घरवाले, बगल वाले, बाहर वाले, स्कूल, कॉलेज कर सकती है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी किसी भी लड़की को छेड़ते हैं परेशान करते हैं तो उनकी खैर नहीं क्योंकि थाना क्षेत्र में पूनम कुजूर है।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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