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यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल, भाजपा समर्थित थे प्रत्याशी

Arun Mishra
18 Oct 2021 10:51 AM GMT
यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल, भाजपा समर्थित थे प्रत्याशी
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नितिन अग्रवाल को कुल 304 वोट मिले हैं. वहीँ समाजवादी पार्टी के नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए हो रहे चुनाव में नितिन अग्रवाल विजयी हो गए हैं.नितिन अग्रवाल डिप्टी स्पीकर चुने गए. नितिन अग्रवाल को कुल 304 वोट मिले हैं. वहीँ समाजवादी पार्टी के नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले।

बीजेपी ने हरदोई से सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर पद के लिए घोषित किया था वहीँ सीतापुर की महमूदाबाद सीट से सपा विधायक नरेंद्र वर्मा किस्मत आजमा रहे थे.

यूपी में दूसरी बार डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव

सूबे के सियासी इतिहास में दूसरी बार विधानसभा डिप्टी स्पीकर पद के लिए वोटिंग की नौबत आई है. अभी तक की राजनीतिक परंपरा के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्तापक्ष और उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल का होता रहा है. सामान्य तौर पर उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होता है, लेकिन अपवाद के तौर पर अतीत में 1984 में उपाध्यक्ष का चुनाव मतदान के जरिए किया गया था.

1984 में पहली बार वोटिंग से हुआ था चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में उपाध्यक्ष पद के लिए साल 1984 में मतदान हुआ था. कांग्रेस 1980 में प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर सत्ता में लौटी थी. कांग्रेस दो साल में दो मुख्यमंत्री बदल दिया था और 1984 में सत्ता की कमान नारायण दत्त तिवारी को सौंपी गई थी. इसी दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष पद को कांग्रेस ने परंपरा को तोड़ते हुए विपक्षी दल को नहीं देने का फैसला किया है और हुकुम सिंह को प्रत्याशी बना दिया. ऐसे में विपक्ष ने मुरादाबाद से विधायक रियासत हुसैन को उतारा. सत्तापक्ष के पास संख्या बल होने के चलते इस चुनाव में रियासत हुसैन को हराकर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी हुकुम सिंह उपाध्यक्ष बने थे.

सूबे में 37 साल के बाद फिर से विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग की नौबत आई है. सपा छोड़कर बीजेपी में आने वाले नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल को सत्तापक्ष ने कैंडिडेट बनाया तो सपा ने अपने विधायक नरेंद्र वर्मा को उतार दिया है, जिसके चलते अब सोमवार को विधानसभा मंडल में वोटिंग होगी. ऐसे में वोटिंग के लिए जिलेवार विधानसभा सदस्यों के नाम पुकारे जाएंगे. सदस्य बारी-बारी से आकर मत पेटिका में वोट डालेंगे और मतदान के बाद वोटों की गिनती होगी और उसके आधार पर उपाध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा की जाएगी.

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