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सीनियर फेलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक एवम निर्देशक आलोक शुक्ला के नाट्य संग्रह

Shiv Kumar Mishra
9 Sep 2021 7:21 AM GMT
सीनियर फेलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक एवम निर्देशक आलोक शुक्ला के नाट्य संग्रह
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दिल्ली, सीनियर फेलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक एवम् निर्देशक आलोक शुक्ला के नाट्य संग्रह 'ख्वाबों के सात रंग' का विमोचन मारवाह स्टूडियो नोएडा में ग्लोबल लिटेरिरी फेस्टिवल के दौरान 14 सितंबर को होने जा रहा है।

आलोक के इस नाट्य संग्रह में उनके छोटे बड़े कुल मिलाकर सात नाटक हैं, इनमे से कई नाटकों का मंचन वे मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम, रुड़की आईआईटी और केरल के पय्यानुर के साथ अपने पैतृक स्थान रीवा में भी कर चुके हैं।

हिंदी दिवस पर दोपहर 2.30 बजे जूम ऐप पर उनके नाट्य संग्रह ख्वाबों के सात रंग के विमोचन पर कई गणमान्य लोगों के साथ मारवाह इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर श्री संदीप मारवाह और फेस्टिवल डायरेक्टर श्री सुशील भारती उपस्थित रहेंगे। इसमें आप सब भी शामिल हो सकते हैं।

आलोक का ये नाट्य संग्रह जल्द ही हर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगा, इसे दिल्ली के राही पब्लिकेशन ने कला भारती फाउंडेशन के सहयोग से प्रकाशित किया है। यहां ये बात ध्यान देने योग्य है कि उनका ये नाट्य संग्रह ऐसे समय में पब्लिकेशन पब्लिश कर रहा है जबकि आलोक पिछले साल से GBS पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।

इस नाट्य संग्रह के बाद जल्द ही उनकी बॉलीवुड और रंगमंचीय सफ़र पर आधारित संस्मरण बुक 'बॉलीवुड, नाटक और धोखा', काव्य संग्रह 'जो निज है', कहानी संग्रह 'बोलाई और चंपा' , आने वाले हैं।

गौरतलब है कि आलोक लगभग 35 सालों से रंगकर्म से जुड़े हैं। उन्होंने थिएटर लीजेंड हबीब तनवीर और उनके नया थिएटर के साथ सागर सरहदी, रंजीत कपूर, शिवदास घोड़के, प्रो सतीश मेहता,योगेश त्रिपाठी, मोहिंदर प्रताप, शैलेंद्र गौर, संजीव रजत,अरविंद पांडेय, राजीव राज, अहमद जैदी, अनवर देशमुख, अनवार सिद्दीकी,राजेंद्र सक्सेना आदि के साथ जुड़कर 40 नाटकों के पूरे देश के साथ जर्मनी यूरोप को मिलाकर करीब 500 शोज किए हैं। वे अपनी संस्था प्रासंगिक से आधा दर्जन नाटकों को निर्देशित भी कर चुके हैं । उन्होंने कई धारावाहिकों के साथ फीचर फिल्म धन्ना, पहेली, डरना जरूरी है, माय वाइफ्स मर्डर, प्रेम जंजाल के साथ हलुआ आदि कई लघु फिल्मों में भी काम किया है।

अपने रंग सफर के दौरान वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे और उन्होंने एक साप्ताहिक पत्र के संपादन के साथ स्पेस टीवी, प्रज्ञा चैनल, महुआ टीवी और न्यूज एक्सप्रेस आदि चैनल्स में काम किया।

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