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शंकर कुमार कर्ण: अभावों के बावजूद बुलंदी तक का सफर

सुजीत गुप्ता
30 Nov 2021 5:35 AM GMT
शंकर कुमार कर्ण: अभावों के बावजूद बुलंदी तक का सफर
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योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए भागलपुर के शंकर कुमार कर्ण को दिल्ली के ग़ांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और ग़ांधी वादी सुश्री राधा भट्ट थीं। समारोह में पूरे देश के 30 जानी मानी हस्ती को सम्मानित किया गया।

भागलपुर के शंकर कुमार कर्ण ने मेहनत, लगन और समर्पण के वल पर योग,जिमनास्टिक और मल्लखंभ के क्षेत्र में खास मुकाम हासिल किया है। इसे आजतक बरकरार रखा है।बिहार का नाम उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में रौशन किया है। योग की शिक्षा उन्होंने गुरू शिष्य परंपरा के तहत स्व.योगीराज हरिदेव प्रसाद ठाकुर से ग्रहण की। उनसे पिता जैसा प्यार मिला।परंपरागत तरीके से योग,जिमनास्टिक और मल्लखंभ की शिक्षा ली। योग में आगे बढ़े।

तात्कालीन जिला पदाधिकारी टीके घोष, तात्कालीन कुलपति, तिलकामांझी विश्वविद्यालय रामाश्रय यादव ने उन्हें विशिष्ट उपललब्धियों के लिए भी सम्मानित किया।शंकर के पुरस्कार और सम्मानों की फेरिस्त काफी लंबी है। दिल्ली योगा स्टेट चैम्पियनशिप की प्रतियोगिताओं स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। योग ओलंपिक की प्रतियोगिता में वे प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।उसमें भी इन्हें गोल्ड मेडल मिला है।वह प्रतिभावान होने के साथ ही शेरदिल भी है,उसके प्रदर्शन लोगों को अचंभित करते हैं। वह जिम्नास्टिक के क्षेत्र में बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी है। सबसे बड़ी खूबी है कि उसने अपने ज्ञान के अपने तक सीमित नहीं रखा है। दिल्ली द्वारका में बच्चों को योग,जिमनास्टिक और अन्य खेलों का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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