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ज्ञानवापी सर्वे में मिले शिवलिंग, हिंदू पक्ष का दावा- पन्ना पत्थर से बना है

सुजीत गुप्ता
16 May 2022 1:00 PM GMT
ज्ञानवापी सर्वे में मिले शिवलिंग, हिंदू पक्ष का दावा- पन्ना पत्थर से बना है
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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सोमवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिला है। वजूखाने के भीतर कथित तौर पर मिले शिवलिंग को संरक्षित करने के लिए वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में याचिका डाली। याचिका की तमाम दलीलों पर गौर करने के बाद अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में उक्त स्थान को सील करने का आदेश दिया। इधर, विश्व वैदिक सनातन के संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने दावा किया कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी परिसर में 12.8 फुट का शिवलिंग मिला है।

हिंदू पक्ष के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा, 'ज्ञानवापी में इतने साक्ष्य मिले हैं, जो अभी उजागर नहीं किए जा सकते हैं। बस अभी इतना बताना चाहता हूं कि करीब साढ़े 12 फीट का शिवलिंग मिला है। मैं अयोध्या की तरह 500 साल का इंतजार नहीं करूंगा। बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर बनकर रहेगा और जल्द से जल्द बनेगा। उन्होंने संभावना जताई है कि उन्हें मथुरा में भी सफलता मिलेगी।'

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन ने दावा किया था कि गुंबद के पास स्थित तालाब का पूरा पानी निकाला गया। यहां नंदीजी के सामने 12 फीट का शिवलिंग पाया गया है। वादी महिला लक्ष्मी देवी के पति सर्वे टीम में शामिल हैं। टीम में शामिल सदस्य सोहनलाल आचार्य ने कहा कि आज बाबा मिल गए। जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे, वह बाबा मिल गए। उन्होंने कहा कि अब हम पश्चिमी दीवार के मलबे की जांच की मांग करेंगे।

खबरो के मुताबिक 'यह वही शिवलिंग है, जिसे अकबर के वित्त मंत्री टोडरमल ने 1585 में स्थापित कराया था। तब उनके साथ बनारस के पंडित नारायण भट्‌ट भी थे। शिवलिंग का ऊपरी कुछ हिस्सा औरंगजेब की तबाही में क्षतिग्रस्त हो गया था।

यह शिवलिंग बेशकीमती पन्ना पत्थर का है। रंग हरा है। हालांकि शिवलिंग के साइज को लेकर कई दावे सामने आए हैं। यह शिवलिंग श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित नंदी के सामने वाले ज्ञानवापी के हिस्से में है। नंदी महाराज के सामने जो तहखाना है, उसी में अंदर मस्जिद के बीचों-बीच आज भी शिवलिंग दबा है। इसका अरघा भी काफी बड़ा है।'

30 साल पहले जब ताला बंद हो रहा था, तब भी दिखा था शिवलिंग

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जिसे तहखाना कहा जा रहा है वह असलियत में मंदिर मंडपम है। जो लोग भी तहखानों की बात कर रहे हैं, वे सभी मंडपम हैं। इन्हें तहखाना के बजाय मंडपम कहें तो बेहतर होगा। डॉ. तिवारी ने बताया कि उनके परिवार के पंडित नारायण भट्ट ने पन्ना पत्थर का शिवलिंग स्थापित कराया था।

90 के दशक में वाराणसी के DM रहे सौरभ चंद्र श्रीवास्तव ने तब मंडपम में ताला बंद कराया था तो उस समय भी अंदर फोटोग्राफी हुई थी, जिसमें वह शामिल थे। उस समय देखा था कि अंदर नंदी के ठीक सामने ही शिवलिंग है।

सुजीत गुप्ता

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