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श्रीलंका में स्थिति भयावह, सेना की मौजूदगी में बंट रहा है एक-एक लीटर तेल

Shiv Kumar Mishra
22 March 2022 9:54 AM GMT
श्रीलंका में स्थिति भयावह, सेना की मौजूदगी में बंट रहा है एक-एक लीटर तेल
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पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) अभी भयावह आर्थिक संकट से जूझ रहा है. कई जरूरी चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं. डीजल-पेट्रोल (Diesel-Petrol) और गैस (Gas) के मामले में स्थिति कुछ ज्यादा ही गंभीर हो चुकी है. तेल खरीदने के चक्कर में अभी तक श्रीलंका में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. अब हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि श्रीलंका की सरकार ने पेट्रोल पंपों ओर गैस स्टेशनों पर सेना को तैनात करने का फैसला लिया है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका में न सिर्फ डीजल-पेट्रोल के दाम (Diesel Petrol Prices) बढ़े हैं, बल्कि इनकी किल्लत भी हो गई है. इसके चलते पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. हजारों लोग घंटों तक कतार में खड़े होकर तेल खरीद रहे हैं. रिपोर्ट में श्रीलंकाई सेना के प्रवक्ता नीलांथा प्रेमारत्ने (Nilantha Premaratne) के हवाले से बताया गया है कि घंटों तक कतार में खड़े रहने के बाद तीन बुजुर्गों की मौत हो जाने की घटना के बाद पेट्रोल पंपों पर सेना तैनात करने का निर्णय लिया गया है.

बकौल प्रेमारत्ने, सेना सिर्फ तेल बांटने में मदद करने वाली है. भीड़ को कंट्रोल करना सेना का काम नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम 2-2 जवानों की तैनाती होगी. अधिकारियों का कहना है कि मिलिट्री की तैनाती लोगों की मदद करने के लिए है, न कि लोगों का मानवाधिकार छीनने के लिए. सरकार के प्रवक्ता रमेश पाथिराना (Ramesh Pathirana) का कहना है कि गलत तरीके से तेल बांटे जाने और जमाखोरी किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद सेना को तैनात किया.

श्रीलंका में तेल समेत कई जरूरी चीजों की किल्लत हो जाने के कारण कई जगहों पर छिटपुट हिंसा की खबरें आई हैं. पुलिस ने बताया कि सोमवार को एक ऐसी ही घटना एक व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई. एक तिपहिया वाहन के चालक के साथ हुई बहस के बाद घटना ने इतना हिंसक रूप ले लिया. इससे पहले तपती धूप में कतार में घंटों तक लगने को मजबूर होने के बाद तीन बुजुर्गों की मौत हो गई थी. अधिकारियों को उम्मीद है कि सेना को तैनात किए जाने के बाद स्थिति में सुधार आएगी.

डीजल-पेट्रोल के अलावा श्रीलंका में खाने-पीने की जरूरी चीजों की भी किल्लत हो चुकी है. स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि सरकार के सामने आर्थिक आपातकाल Economic Emergency) लगाने की नौबत आ गई है. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) समाप्त होने की कगार पर है और करेंसी (Sri Lankan Rupees) की वैल्यू रिकॉर्ड निचले स्तर पर है. अभी हाल यह है कि देश में चावल और चीनी की भी किल्लत हो गई है. इन सबके ऊपर अनाज की जमाखोरी समस्या को और विकराल बना रही.

Shiv Kumar Mishra

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