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18 हजार करोड़ में टाटा ग्रुप का हुआ, एयर इंडिया

Desk Editor
8 Oct 2021 12:58 PM GMT
18 हजार करोड़ में टाटा ग्रुप का हुआ, एयर इंडिया
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एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी। जे. आर. डी. टाटा जो खुद एक कुशल पायलट थे, उन्होंने टाटा एयरलाइंस के रूप में इसे शुरू किया था

नई दिल्ली: टाटा संस अब एयर इंडिया की नई मालिक होगी, कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर इस सरकारी एयरलाइंस को खरीद लिया और इस रेस में स्पाइस जेट के अजय सिंह को पीछे छोड़ दिया। इसी के साथ अब टाटा संस के पास देश में 3 एयरलाइंस होंगी।

पिछले हफ्ते आई थी, खबर

बीते सप्ताह खबर आई थी कि एयर इंडिया 68 साल बाद वापस टाटा ग्रुप के पास लौट सकती है लेकिन DIPAM के सचिव की ओर से आधिकारिक ट्वीट में इस खबर का खंडन किया गया था। बाद में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दुबई में एक कान्फ्रेंस में उचित समय आने पर एयर इंडिया के नए मालिक का नाम घोषित करने की बात कही थी।

एयर इंडिया का कैसा रहा इतिहास?

जेआरडी टाटा ने जब पहली बार एयरप्लेन को उड़ाया था तब उनकी उम्र मात्र 15 साल ही थी और यह समय साल 1919 का था‌। जिसे बाद में टाटा ने पायलट का लाइसेंस भी लिया। उन्होंने तब ही एयरलाइन्स के क्षेत्र में काम करने का मन बनाया था। एयर इंडिया की पहली व्यावसायिक उड़ान 15 अक्टूबर को रही थी। इस दौरान टाटा एयरलाइन्स के पास सिंगल इंजन हैवीलैंड पस मोथ हवाई जहाज था और इस जहाज ने अहमदाबाद से कराची और फिर यहाँ से मुंबई की यात्रा की थी, लेकिन आपको यह जानकर काफी आश्चर्य भी होगा कि इस यात्रा में सवारियों के रूप में 25 किलो चिट्ठ‍ियां भेजी गई थीं।

दरअसल ब्रिटेन का राजसी विमान वाहक उस दौरान इम्पीरियल एयरवेज था और इसके द्वारा चिट्ठियां लंदन से कराची लाई गई थीं, इन चिट्ठियों को ले जाने का काम ही टाटा एयरलाइन्स के द्वारा किया गया था। इसके चलते टाटा एयरलाइन्स के लिए प्रथम व्यावसायिक वर्ष 1933 ही हुआ।

एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी। जे. आर. डी. टाटा जो खुद एक कुशल पायलट थे, उन्होंने टाटा एयरलाइंस के रूप में इसे शुरू किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब एयर इंडिया को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया। वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली। इसके बाद सन् 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और सरकार ने टाटा ग्रुप से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। इस तरह एयरलाइंस पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई।

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