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82 का दूल्हा, 36 की दुल्हन, कोर्ट में जाकर रचाया ब्याह, आखिर ये सब हुआ क्यों?

सुजीत गुप्ता
5 March 2022 1:36 PM GMT
82 का दूल्हा, 36 की दुल्हन, कोर्ट में जाकर रचाया ब्याह, आखिर ये सब हुआ क्यों?
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एसपी जोशी और विभा जोशी

उज्जैन में PWD के 82 साल के रिटायर्ड अधिकारी ने शुक्रवार काे अपनी उम्र से 46 साल छोटी विधवा महिला से कोर्ट मैरिज की। वल्लभनगर निवासी एसपी जोशी (82 ) PWD में सेक्शन हेड थे। वह फरवरी 1999 में सेवानिवृत होने के बाद पत्नी बच्चे नहीं होने से अकेले रहते है। वहीं शास्त्री नगर निवासी विभा जोशी (36) गृहणी है और पति की मौत के बाद 6 साल के बच्चे के साथ अकेली रहती है। दोनों ने मेल मुलाकात होने के बाद एक दूसरे का सहारा बनने का निर्णय लिया।

जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग में शासकीय नौकरी से रिटायर्ड हुए एसपी जोशी (82) ने अपने से करीब 46 साल छोटी महिला विभा जोशी (36) से विवाह किया। एसपी जोशी वल्लभ नगर में रहते हैं और विभा जोशी शास्त्री नगर निवासी है। एसपी जोशी लोक निर्माण विभाग में सेक्शन हेड थे। 1999 में वे शासकीय सेवा से रिटायर्ड हो गए। पत्नी व बच्चे न होने के चलते वे घर में अकेले रहते थे और पेंशन से गुजारा होता था। इधर विभा जोशी के पति की मौत हो चुकी है और अपने छह साल की बेटी के साथ वह भी अकेली रहती है। कुछ समय पहले दोनों की मुलाकात हुई और यह मुलाकात जीवन के हमसफर बनने के निर्णय में बदल गई। एडीएम कोर्ट पहुंचकर दोनों ने विवाह किया। एडीएम संतोष टैगोर के अनुसार दोनों ने आवेदन दिया था जिसके बाद परिजनों की मौजूदगी में दोनों का विवाह हुआ।

एसपी जोशी ने कहा कि उनका इस दुनिया में कोई नहीं है। उन्हें 28 हजार रुपये पेंशन मिलती है। विभा भी विधवा होने के कारण बेसहारा है। उसकी स्थिति को देख उन्होंने उससे विवाह का निर्णय लिया लिया, न कि खुद के सुख के लिए। वहीं विभा जोशी ने कहा के वह सहारे के लिए शादी कर रही है। इधर इस विवाह के दौरान एडीएम कोर्ट में लोगों की भीड़ लग गई और लोग वीडियो बनाने लगे इस पर जोशी दंपति नाराज हो गए।

कहने लगे कि हमें मनोरंजन का साधन न बनाएं। बताया जा रहा है कि एसपी जोशी की पत्नी का निधन हो चुका है। बच्चे नहीं होने के कारण उन्होंने एक बालिका को गोद लिया था जिसका विवाह हो चुका है। उम्र के इस दौर में वे एकाकी जीवन जी रहे थे, इसलिए उन्होंने विभा से शादी की। विभा के पति का भी निधन हो चुका है और वह भी बेटी के साथ अकेली रहती थी। इस अकेलेपन को दूर कर दोनों ने एक-दूसरे का सहारा बनने का निर्णय लिया।



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