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पुलिस ने रेप पीडिता से कहा, तुम्हारा दो पैसे का फायदा चाहते हैं...मामला निपटा लो, कौन करेगा न्याय अमित शाह बोल रहे महिला रात में भी घूमें!

Shiv Kumar Mishra
30 Oct 2021 2:33 AM GMT
पुलिस ने रेप पीडिता से कहा, तुम्हारा दो पैसे का फायदा चाहते हैं...मामला निपटा लो, कौन करेगा न्याय अमित शाह बोल रहे महिला रात में भी घूमें!
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प्रतीकात्मक फोटो

नंदग्राम निवासी दुष्कर्म पीड़िता ने पुलिस व आरोपी पक्ष पर लगाया समझौते के लिए दबाव डालने का आरोप

एसएसपी से आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की

आरोपी पक्ष के व्यक्ति की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सुनवाई

गाजियाबाद। नंदग्राम निवासी दुष्कर्म पीड़िता ने पुलिस और आरोपी पक्ष पर समझौते के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को पीड़िता ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत देकर आरोपी पक्ष के एक व्यक्ति की कॉल रिकॉर्डिंग भी सुनवाई, जिसमें वह पीड़िता के पति से कह रहा है कि वह उनका दो पैसे का फायदा चाहता है, फैसला कर ले। जन सुनवाई कर रहे एसपी प्रोटोकॉल ने साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

नंदग्राम क्षेत्र में रहने वाली महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि फेसबुक पर उसकी दोस्ती मुरादनगर थानाक्षेत्र के गांव में रहने वाले युवक से हुई थी। 11 सितंबर को युवक ने फोन करके कहा कि वह राजनगर एक्सटेंशन की सोसायटी में आया हुआ है। वह उससे मिलना चाहता है। इस पर महिला ने भी उसी सोसायटी में अपना फ्लैट होने की बात कहते हुए बुला लिया।

महिला का कहना है कि इस दौरान वह बेटी और सहेली के साथ फ्लैट पर मौजूद थी। सहेली उसकी बेटी को लेकर नीचे चली गई और उसे अकेला पाकर युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 12 सितंबर को पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया था।

पुलिस पर आरोपी को रिश्वत लेकर छोड़ने का आरोप

महिला व उसके पति का आरोप है कि केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था, लेकिन कुछ लोगों के माध्यम से रिश्वत लेकर उसे थाने से छोड़ दिया गया। महिला ने आरोपी पक्ष की तरफ से समझौते का दबाव डालने वाले एक बिचौलिया की कॉल रिकॉर्डिंग भी शिकायत के साथ दी है, जिसमें वह नंदग्राम थाने के पूर्व एसएचओ व मोरटा चौकी के पूर्व इंचार्ज द्वारा तीन लाख रुपये लेकर आरोपी को छोड़ने की बात कह रहा है।

तत्कालीन एसएचओ व विवेचक पर समझौते का दबाव डालने का आरोप

पीड़िता ने शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय में दी शिकायत में कहा है कि केस दर्ज होने के बाद से ही तत्कालीन एसएचओ व विवेचना कर रहे दरोगा उस पर आरोपी से समझौता करने का दबाव डाल रहे थे। इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी से मिलकर उसका फर्जी शपथ-पत्र भी लगवा दिया।

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