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पुलिस पर भरोसे का सवाल... बनाम, थानों के माथे पर किसका नाम?

Shiv Kumar Mishra
22 Oct 2021 1:28 PM GMT
पुलिस पर भरोसे का सवाल... बनाम, थानों के माथे पर किसका नाम?
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वाराणसी सहित प्रदेश के विभिन्न थानों के प्रवेश द्वार व पुलिस स्टेशन बिल्डिंग पर प्रचारकर्ताओं व प्रायोजकों द्वारा अवैधानिक रूप से अपना नाम लिखे जाने/ बोर्ड लगाने से पुलिस की निष्पक्ष छवि पर उठ रहे संवेदनशील सवाल के संदर्भ में आज डीजीपी, यूपी पुलिस तथा वाराणसी पुलिस कमिश्नर को ईमेल व ट्विटर के माध्यम से शिकायत पत्र भेज कर ध्यानाकर्षण के साथ ही इस पर अविलंब हस्तक्षेप की मांग की गई।

गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकांश पुलिस थानों के प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड तथा सबंधित भवनों पर पुलिस थानों के साथ अलग - अलग संस्थाओं यथा हॉस्पिटल, कोचिंग, जिम, व्यापारिक संस्थाओं आदि का प्रचार थाने के नाम के साथ संयुक्त रूप से लिखा गया है; जिससे यह प्रतीत होता है कि उक्त थाना पूरी तरह से प्रचारित संस्था के द्वारा प्रायोजित है। जबकि पुलिस नियमावली अथवा किसी सक्षम प्राधिकार की ओर से ऐसे आदेश का कोई उल्लेख नहीं प्राप्त होता है। इस प्रकार के विज्ञापन पुलिस स्टेशन जैसे संवेदनशील सरकारी संस्थान की निष्पक्षता पर पूरी तरह से सवाल खड़ा करते हैं, क्योंकि यदि कोई पीड़ित व्यक्ति न्याय की गुहार लगाने के लिए थाने पर जाता है और संयोगवश आरोपी वही संस्थान अथवा व्यक्ति है जो कि थाने को तथाकथित रूप से लिखित रूप में प्रायोजित करता नजर आता है, तो पीड़ित न केवल हतोत्साहित होता है, बल्कि उसके मन में पुलिस व न्याय व्यवस्था को लेकर संशय/विभ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। संयोगवश यह ग़लत परम्परा प्रत्येक थानों पर फैलती जा रही है, जिससे " थाना मैनेज करने " , ' थाने में सेटिंग होने ' आदि प्रकार के सैकड़ों मुहावरे प्रचलित हो चले हैं; जो न केवल पुलिस प्रणाली बल्कि लोकतंत्र में निष्पक्षता के सवाल को संदिग्ध बना रहा है। ध्यातव्य है कि यह प्रचलन एक फैशन के रूप में उभरता जा रहा है जिसके माध्यम से रसूखदार अपना नाम थानों के " माथे" पर लिख देना चाहते हैं तथा कतिपय अधिकारी इसी रास्ते धन उगाही कर रहे हैं,जबकि आम जनता इससे गुमराह व भयभीत होती का रही है।

अतः डीजीपी उ. प्र. तथा वाराणसी पुलिस कमिश्नर का ध्यान इस संवेदनशील विषय की ओर आकृष्ट कराते हुए लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से अविलंब सकारात्मक हस्तक्षेप की प्रार्थना प्रेषित की गई है, जिससे आमजनों के न्याय व विश्वास को संबल प्रदान किया जा सके।

प्रेषक डॉ. अवधेश दीक्षित 9807606000सामाजिक कार्यकर्ता पत्राचार - 4/1462 जनकपुर कॉलोनी, रामनगर, वाराणसी ।

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