- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- Kashmir Special...
Kashmir Special Coverage:गाय के लिए सेब सेवा ..! कश्मीर में गाय को जाड़ों में खिलाने के लिए इस तरह सुखाए जाते है सेब
ये पुलवामा है ..! यहां गाय भी सेब खाती है. फिलहाल सीजन है इसलिए ताज़ा सेब मिलने में दिक्कत नहीं है. बाग़ में पेड़ों से झड़ने वाले या परिंदों की चोंच से जख्मी होने वाले सेब बहुतायत में मिलते हैं . इससे किसानों का नुक्सान तो काफी होता है लेकिन गाय को मजेदार चारा मिल जाता है. यहां के बागानों में ये गाय का स्वादिष्ट और सहज उपलब्ध भोजन है . लेकिन गाय पालकों को इसका इंतजाम सर्दी में भी करना है इसलिए फिजा में ठंडक आते ही जहां उन्होंने अपने लिए सब्जियां सुखाकर संरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी है वहीँ गाय के लिए भी वैसा बन्दोबस्त करना लाज़मी है .
पुलवामा के गांवों में ज्यादातर घरों में गाय है जिसकी सेवा में कसर भी नहीं छोड़ी जाती . लिहाज़ा सर्दियों में उनको सेब की कमी महसूस न हो , इसलिए सेब के भी स्लाइस करके उनको धूप में सुखाना शुरू कर दिया गया है . नमी निकलने के बाद कडक होने पर इन्हें संभाल कर स्टोर में रख दिया जाएगा . ये वैसे ही हो जाएंगे जैसे वैष्णो देवी से आने वाले तीर्थयात्री अखरोट के प्रसाद के साथ मेवा और उसमें सूखे सेब के टुकड़ों वाला प्रसाद भी लाते हैं . चारे के साथ मिलाकर ये सेब गाय को खिलाये जाएंगे.
अपने हमसाये ( कश्मीर में पड़ोसी को यही कहते हैं ) को गाय के लिए सेब के स्लाइस सुखाते देख वैष्णो देवी का प्रसाद याद आ गया. बड़ी शिद्दत से सेब के खराब हिस्से को काटकर पहले अलग किया जाता है और फिर किसी बड़े से कपड़े या चादर को बिछाकर उनपर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है . आँगन में खिली धूप में रंग बिरंगे कपड़े पर सेब , सब्जियां , मिर्च आदि सुखाने के ऐसे नजारे यहां के गांवों के घर घर में दिखाई दे र्रहे हैं. रंग बिरंगे सूखते फल - सब्जियों के कटे टुकड़े किसी अब्सर्ड #absurd पेंटिग सा अहसास दिलाते हैं. खैर , ये उनकी गाय के लिए सर्दियों में काम आएंगे.