Top Stories

दुखद : नहीं रहे साहित्य में रेणु को पुनर्जीवित करने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार, भारत यायावर

Desk Editor
22 Oct 2021 1:10 PM GMT
दुखद : नहीं रहे साहित्य में रेणु को पुनर्जीवित करने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार, भारत यायावर
x
मेरी भारत जी से केवल एकबार फोन पर बातचीत हुई थी। बोले कि "प्रत्यक्ष तुम साहित्य की पोस्ट पर टिप्पणी अवश्य किया करो, इससे साहित्य जगत में तुम्हारी पहचान बनेगी" भारत जी काफ़ी सहयोग करने वाले हिन्दी लेखक रहे। नए लेखकों को हमेशा सहयोग करते रहे

अपनी लेखनी से साहित्य में रेणु, महावीर प्रसाद द्विवेदी और नामवर सिंह को जिंदा रखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार और सम्पादक प्रोफ़ेसर भारत यायावर जी इस दुनिया में नहीं रहे।

यह जानकारी उनके पुत्र ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से शेयर की है। भारत यायावर जी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते थे‌। उन्होंने कल रात तबियत बिगड़ने की सूचना दी थी। सुधार की भी सूचना करीब 8 घंटे पहले दी थी।

29 नवंबर, 1954 को जन्मे भारत यायावर विनोवा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर और संपादक भी थे। वह कहते थे कि, कविता का संबंध कवि के जीवनानुभव, उसकी मनोरचना, उसके चिन्तन और उसकी जीवन-दृष्टि के समवेत स्वरूप से होता है।

उन्होंने कई कविता-संग्रह लिखे हैं। एक ही परिवेश (1979), झेलते हुए (1980) मैं हूं, यहां हूं (1983), बेचैनी (1990) एवं हाल-बेहाल (2004) कविता-संग्रह वाणी प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। तुम धरती का नमक हो (2015), कविता फिर भी मुस्कुराएगी (2019) आने वाली रचना है।

भारत जी ने रेणु रचनावली एवं महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली का संपादन भी किया। रूस का प्रतिष्ठित पुश्किन पुरस्कार (1996) पाने वाले‌ भारत जी पहले हिन्दी कवि थे।

मेरी भारत जी से केवल एकबार फोन पर बातचीत हुई थी। बोले कि "प्रत्यक्ष तुम साहित्य की पोस्ट पर टिप्पणी अवश्य किया करो, इससे तुम्हारी साहित्य जगत में पहचान बढ़ेगी"

भारत जी सहयोग करने वाले हिन्दी लेखक रहे। नए लेखकों को हमेशा सहयोग करते थे।

भारत जी रेणु के करीबी रहे हैं। रेणु को पुनर्जीवित करने का श्रेय भारत जी को ही जाता है। भारत जी ने रेणु पर काफ़ी कुछ लिखा है। भारत जी ने इसी साल रेणु पर दूसरा भाग लिखने की घोषणा की थी, लेकिन ईश्वर को शायद यह मंजूर नहीं था।

भारत जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

Next Story