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US Fed Rate Hike: अमेरिका ने 1994 के बाद पहली बार इतनी ज्यादा बढ़ाई ब्याज दर, जानिए भारत पर क्या होगा असर ?

Desk Editor Special Coverage
16 Jun 2022 9:20 AM GMT
US Fed Rate Hike: अमेरिका ने 1994 के बाद पहली बार इतनी ज्यादा बढ़ाई ब्याज दर, जानिए भारत पर क्या होगा असर ?
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US Fed Rate Hike: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 112 दिनों से जारी युद्ध का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर देखी जा रही है। इससे अमेरिका भी अछूता नहीं है। अमेरिका में भी महंगाई अपने चरम पर है।

US Fed Rate Hike: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 112 दिनों से जारी युद्ध का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर देखी जा रही है। इससे अमेरिका भी अछूता नहीं है। अमेरिका में भी महंगाई अपने चरम पर है। लगातार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बड़ा इजाफा किया है। अमेरिकी फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। अमेरिका में ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी 28 सालों के बाद यानी 1994 के बाद की गई है।

बताया जा रहा है कि अमेरिका में इस समय महंगाई दर अपने 40 साल के उच्चतम स्तर पर आ है। बीते महीने मई में अमेरिका में महंगाई दर 8.6 फीसदी पर था। फेडरल रिजर्व का कहना है कि वो देश में महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में ब्याज दर को बढ़ाने का ये फैसला किया गया है।

जानकारों की मानें तो अमेरिकी फेडरल बैंक की ओर से ब्याज दरों में की गई इस बढ़ोतरी का असर भारत समेत दुनिया के कई देशों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से जरूर देखने को मिलेगा। अर्थव्यवस्था के जानकारों की मानें तो अमेरिका जितनी तेजी से ब्याज दरें बढ़ाएगा, भारत और वहां की दरों में गैप कम होता जाएगा।

ऐसे में विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजारों से बाहर निकलने का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में भारतीय बाजार पहले से ही एफपीआई में जारी बिकवाली को रोक पाना मुश्किल होगा। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में एफपीआई भारतीय बाजार से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निकाल चुके हैं। अमेरिकी फेडरल बैंक की ओर से ब्याज दरों में ताजा बढ़ोतरी से आने वाले समय में इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है।

इसका असर भारतीय रुपये पर भी पड़ने की संभावना है। फिलहाल डॉलर के मुकाबले भारती रुपया पहले ही 78.22 रुपये प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर है। फेडरल बैंक के ब्याज दर बढ़ाने से डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत घट सकती है जिसका असर भारत के आयात खर्च पर पड़ेगा। डॉलर महंगा होने से भारत का इंपोर्ट का खर्च बढ़ेगा और देश का व्यापार घाटा और ज्यादा बढ़ सकता है जिसमें हाल के दिनों में तेजी देखी गई है।


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