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पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को टिकट देने में कौन है आगे, सपा, बसपा या भाजपा?

सुजीत गुप्ता
28 Jan 2022 7:42 AM GMT
पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को टिकट देने में कौन है आगे, सपा, बसपा या भाजपा?
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) राजनीति में बदला हुआ स्वरूप देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए नेताओं के दल-बदलने का सिलसिला जारी है। तो कुछ पार्टी जातिगत समीकरण बनाने लगी है। वही राजनीतिक पार्टियों ने उम्मीदवारों के अधिकांश नाम फाइनल कर दिए हैं.

आइए हम जानते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के घोषित उम्मीदवारों में कितने मुसलमान उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बसपा (BSP) ने कितने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं. इसके साथ ही हम यह भी देखेंगे कि 2017 में इन सीटों पर कितने मुसलमानों को इन दोनों दलों ने टिकट दिए थे.

उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा ने पश्चिमी यूपी की 136 में से 109 सीटों पर अब तक प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. इसमें पहले फेज की 58 और दूसरे फेज की 51 सीटें शामिल हैं. इनमें से 38 प्रत्याशी मुस्लिम समाज के हैं. इस तरह देखें तो बसपा ने 109 में से करीब 35 फीसदी टिकट मुस्लिम समाज को दिया है.

वहीं अगर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी की बात करें तो उसने अबतक पश्चिमी यूपी की 136 में से 131 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम अबतक घोषित कर दिए हैं. इस बार समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. सपा-आरएलडी के गठबंधन ने 32 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं. इसमें समाजवादी पार्टी के टिकट पर 27 और आरएलडी के टिकट पर 5 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. यानी कि सपा ने 131 में से करीब 24 फीसदी मुसलमानों को टिकट दिए हैं.

अब अगर इससे पहले 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो, उस चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन ने उस चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 136 में से 43 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से 33 उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 10 कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे. इस तरह से सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने करीब 32 फीसदी मुसलमानों को टिकट दिए थे. वहीं अगर बीएसपी की बात करें तो उसने 2017 के चुनाव में 136 में से 51 टिकट मुसलमानों को दिए थे, यानी की करीब 38 फीसदी टिकट मुस्लिमों को दिए गए थे.

बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी मुसलमान प्रत्याशियों से परहेज किया है। अभी तक घोषित 204 प्रत्याशियों में से एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया गया है। हालांकि, उसके सहयोगी दल अपना दल ने रामपुर जिले की स्वार टांडा सीट से हैदर अली उर्फ हमजा मियां को प्रत्याशी बनाया है। 2014 के बाद एनडीए गठबंधन का यह पहला मुस्लिम प्रत्याशी है।


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