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महिला ने फँसाने के लिए क्यों घुसेड़ा प्राइवेट पार्ट मे तार? फर्जी अपहरण कर गैंग रेप की कहानी का आया सच सामने
गाजियाबाद :कोई इंसान अपने मुफात के लिए कितना गिर सकता है इसका अगर कोई कम्पटीशन होता तो शायद इस मामले को सबसे बड़ा अवार्ड मिलता। महिलाओं के लिए बने कानून को किस तरीके से दुरूपयोग कुछ करने लगे है इसका जीता जागता नमूना तो आपने कई देखा होगा कि एक ही महिला कई कई छेड़खानी और रेप के केस दर्ज करवा कर बैठी हो। गले के नीचे नही उतरने वाली घटनाओ का ज़िक्र हो और मामला सिर्फ इसलिए दर्ज हो क्योकि महिला उत्पीडन से सम्बंधित प्रकरण है।
मगर इन सबसे कई हाथ आगे ये मामला निकल जाएगा, जिसको जानकार आपको दुनिया से विश्वास उठता हुआ दिखाई देगा। 18 तारिख यानी बीते मंगलवार को सुबह सुबह आई खबर ने सभी को अन्दर तक झकझोर दिया था। दिल्ली का निर्भय कांड सबके दिमाग में कौंध गया था। मामला था दिल्ली से सटे गाजियाबाद का, जहां एक महिला को अगवा कर पहले तो लोगों ने दो दिनों तक दुष्कर्म किया फिर दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड भी डाल दी। फिर उस महिला को अधमरी हालत में बोरे में डालकर आश्रम रोड के पास फेंक दिया और अपराधी फरार हो गए।
हैवानियत की ये कहानी सुनने में बिलकुल दिल्ली की निर्भया वाली घटना जैसी लगती है। शर्मसार कर देने वाली घटना की खबर मिलते ही खबरनवीसी ने समाज को जमकर कोसा। ये खबर पढ़ कर हर कोई ये कहने लगा की आखिर महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटनाएं कब रुकेंगी? भारत जैसे देश में जहां महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया जाता है। सवाल ये भी उठता है कि आखिर पुलिस और कानून का डर क्या इतना कम हो गया है जो अपराधियों को गुनाह करने से नहीं रोक पा रहा। हमारी यादो में निर्भय कांड जिंदा हो गया था। हम अन्दर तक हिल गए थे। सभी के लबो पर एक ही सवाल था कि आखिर इंसान इतना हैवान कैसे हो सकता है। जिसने भी इस घटना को सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए, हर कोई सहम गया, जब यूपी 112 से थाना पुलिस को इस सब के बारे में जानकारी मिली तो महिला को फौरन दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने पीड़ित महिला के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वो महिला दिल्ली के नंदनगरी इलाके की रहने वाली है। नंदग्राम क्षेत्र में अपने भाई के यहां आई हुई थी। जब वो यहां से लौट रही थी तो उसे कुछ लोगों ने अगवा कर लिया और इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने मामला तुरंत दर्ज कर लिया। जमकर पुलिस की किरकिरी होना शुरू हो गई। लोग शासन प्रशासन पर सवाल उठाने लगे। दबाव पुलिस पर इतना था कि इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर स्वाति मालीवाल ने मामले में एसएसपी गाजियाबाद को नोटिस जारी किया है। भले ही मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, आरोपियों को सजा भी मिल जाएगी लेकिन सवाल अब भी वही है कि आखिर कब तक ये घटनाएं हमारे सामने आती रहेंगी। भयानक दबाव में आई पुलिस रातो की नींद और दिन का चैन खो बैठी। तुरंत पुलिस मामले की जांच में जुटी और वारदात को अंजाम देने वाले पांच में से 4 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया। जो आरोपी पकड़े गए वो महिला के जानने वाले ही थे। जाँच में सामने आया की जिस वक्त महिला बोरी में मिली उस वक्त रॉड उसके अंदर ही थी। पीड़िता अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है और मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी एक्शन में है।
फिर आया शर्मनाक पहलू सामने। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू किया तो उसके भी होश फाख्ता होने लगे। पुलिस को जाँच में कुछ नही बल्कि बहुत कुछ खटका और पुलिस ने फिर गहराई से मामले की जाँच की तो एक बड़ा खुलासा हुआ जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। जाँच में सामने आया है कि खुद को रेप पीड़िता बताने वाली महिला ने संपत्ति विवाद के चलते खुद अपने रेप की कहानी बनाई और इस साजिश में शाहरुख, शाहरुख के भाई जावेद, औरंगजेब, जहीर उर्फ ढोला और दीनू को फँसाने की साजिश रच डाली थी। आज पुलिस ने बाकायदा इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गाजियाबाद में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ है, महिला के प्रेमी आजाद ने ही 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी के विवाद को खत्म करने के लिए झूठी कहानी बनाई थी।
दरअसल मामले का खुलासा ऐसे हुआ कि पुलिस चार्जशीट में कोई कमी नही छोड़ना चाहती थी और जल्द से जल्द चार्जशीट लगाने की कोशिश कर रही थी। पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन निकलवाई तो उनकी लोकेशन अपराध के वक्त दिल्ली की मिली। यहाँ से पुलिस को थोड़ी शंका हुई। आश्रम रोड से दिल्ली की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। अब पुलिस के सामने एक और सवाल बड़ा था जो शक पैदा कर रहा था कि आरोपी अगर उसे अगवा करते तो उसी जगह पर क्यों फेंकते, जिस जगह से महिला को उठाया था। पुलिस को नर्स पर शक उसी समय हो गया था जब नर्स ने एमएमजी जिला अस्पताल में उपचार कराने से मना किया। मेरठ रेफर किया तो वहां जाने से मना किया। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद की। वह वहां पहले काम कर चुकी थी। इससे पुलिस को शक हुआ और इस पहलू को रखकर झानबीन शुरू की।
पुलिस को नर्स पर शक उसी समय हो गया था जब नर्स ने एमएमजी जिला अस्पताल में उपचार कराने से मना किया। मेरठ रेफर किया तो वहां जाने से मना किया। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद की। वह वहां पहले काम कर चुकी थी। इससे पुलिस को शक हुआ और इस पहलू को रखकर झानबीन शुरू की। फिर पुलिस ने इलाज कर रहे डाक्टरों से संपर्क किया उनका सम्बन्ध में बयान और भी चौकाने वाला था। हॉस्पिटल के प्रवक्ता रजत जांबा के अनुसार पीडि़ता का सेक्सुअल असॉल्ट किया गया। अभी वो स्टेबल है। बाहरी चोटें हैं, पर हमें अंदरूनी चोट नही मिली है। प्राइवेट पार्ट से मिली वस्तु को जांच के लिए इनवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) को भेजा है। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि प्राइवेट पार्ट में मिली वस्तु रॉड नहीं, बल्कि 6 इंच लंबा लोहे का तार था, जो यू शेप में है। यह तार टंग क्लीनर की तरह है।
इसके बाद महिला ने अस्पताल में अपना मेडिकल कराने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने जब गहनता से जांच की तो पता चला कि महिला के शरीर पर कोई भी अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं थी। इतना ही नहीं महिला के साथ दुष्कर्म भी नहीं हुआ था। आईजी ने दावा किया कि डॉक्टरों द्वारा बताया है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में एक लोहे का तार मिला है, जो उसने खुद डाला था। इस मामले में पुलिस ने महिला के दोस्त आजाद और उसके दो दोस्तों गौरव और अफजल को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जो कहानी निकल कर सामने आई उसने विश्वास को ही डिगा दिया है। रेप एक ऐसी घटना है जो न सिर्फ लड़की को ख़त्म कर देती है बल्कि अगर उस घटना में लड़की जिन्दा बच जाए तो भी वो जिंदगी भर बेजान बनकर रहती है, जिनके साथ ये घटना होती है सिर्फ वही इसके दर्द को समझ सकता है। लेकिन यहाँ तो कहानी ही अलग निकली, यहाँ एक महिला खुद अपने गैंग रपे की कहानी बनाती है, अपने प्राइवेट पार्ट में कुछ लगाती है जिससे वो सच लगे।
ये थी असली कहानी
पुलिस ने सभी सबूतों को सामने रखा और फिर आज़ाद से पूछताछ किया तो सारे साक्ष्य देख कर आज़ाद टूट गया और फिर आजाद ने जो बताया वह दिल दहला देने वाला था। उसने पुलिस को बताया कि 16 अक्टूबर को महिला का अपहरण नहीं हुआ था। बल्कि वो अपने भाई की पार्टी से सीधा अपने फ्लैट पर चली गई थी। उसने बच्चे अपनी बहन के घर पर छोड़ दिए थे। अपनी बहन को भी इस प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया था। आजाद ने बताया कि महिला 16, 17 और 18 अक्टूबर तक फ्लैट के अंदर ही बंद रही थी। इसके बाद 18 अक्टूबर को आजाद, गौरव और अफजल ने महिला को घर से लिया और प्लान के अनुसार उसे सड़क किनारे डाल दिया। पुलिस पूछताछ में आजाद ने बताया कि प्लान में प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसा कुछ नहीं था, जब महिला को पुलिस ने सड़क से उठाया था तब उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड नहीं थी। इसके बाद शायद उसने ऐसा गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल से जीबीटी हॉस्पिटल रेफर होने के दौरान रास्ते में किया होगा। आयरन की जो नुकीली वस्तु मिली है, पुलिस ने उसे परीक्षण के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा है।
आजाद ने बताया कि उसका और महिला नर्स का कई साल से संपर्क हैं। जिस मकान पर विवाद है वो महिला को आजाद ने ही दिलवाया था। इस मकान को समीना नाम की महिला से खरीद लेने का दावा आज़ाद का है। इसके बाद फरवरी 2022 में मकान की पॉवर ऑफ अटॉर्नी महिला नर्स के नाम करा दी। नर्स का कहना था कि रजिस्ट्री उसके नाम पर है, लेकिन दूसरा पक्ष कब्जा नहीं होने दे रहा। वही जिनके ऊपर महिला ने गैंग रेप का आरोप लगाया है उनका कहना है कि भवन की रजिस्ट्री फर्जी है। जिसको लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली में वाद दायर है, जिस पर फैसला होना बाकी है।
तारिक आजमी सरताज खान की रिपोर्ट