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Breaking News : दो वक्त की रोटी के लिए विधवा मां बनी बैल, बच्चों को बैलगाड़ी में बिठाकर पैदल तय किया सफर,वीडियो वायरल

Shiv Kumar Mishra
21 Sep 2022 6:16 AM GMT
Breaking News : दो वक्त की रोटी के लिए विधवा मां बनी बैल, बच्चों को बैलगाड़ी में बिठाकर पैदल तय किया सफर,वीडियो वायरल
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विधवा माँ ने पेट की खातिर बच्चों को बिठाकर खींची बैलगाड़ी

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक बेबस मां अपने चार बच्चों की परवरिश के लिए बैल की तरह गाड़ी खींचने को मजबूर है। बैलगाड़ी को खींचते हुए महिला का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महिला बैलगाड़ी में सामान लादकर खुद बैल की तरह गाड़ी खींचते हुए नजर आ रही है। जबकि बैलगाड़ी के ऊपर बैठी उसकी बेटी गाड़ी को हांक रही है।-

बाइक सवारों ने की मदद

वीडियो मंगलवार को सामने आया। महिला पचौर से बैलगाड़ी खींचते हुए 15 किमी दूर तक आई। जब रास्ते से जा रहे दो बाइक सवारों ने महिला को गाड़ी खींचते हुए देखा तो उससे परेशानी पूछी, जिस पर महिला ने बताया कि कुछ साल पहले उसके पति की मौत हो गई है, उसके चार बच्चे हैं, जिनके पालन पोषण के लिए वह गाड़ी खींचकर जा रही है। महिला ने रोते हुए कहा कि उसकी बेटी भूखी है। वह पचौर से गाड़ी खींचते हुए करीब 15 किमी दूर आ गई है लेकिन अभी आधा सफर बाकी है। विधवा महिला की आपबीती सुनने के बाद बाइक सवारों ने महिला की मदद की और करीब 15 किमी दूर तक गाड़ी को बाइक से खींचकर सांरगपुर पहुंचाया।

महिला ने सुनाई आपबीती

महिला लक्ष्मी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि वह सारंगपुर की निवासी है। करीब ढाई साल पहले मेरे पति का निधन हो गया। पति की मौत के बाद से हम भूखे रहने के लिए मजबूर हैं। हमें शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। महिला ने बताया कि हमारे पास दो वक्त रोटी खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। मेरे चार बच्चे हैं। गांव में सभी के पास घर है लेकिन हमारे पास अब तक रहने के लिए घर नहीं है मजबूरी में हमें पन्नी तानकर रहना पड़ता है। बारिश के दिनों में पूरे घर में पानी भर जाता है और आंधी आने पर घर की छत उड़ जाती है। ठंड के दिनों में हमें बहुत तकलीफ उठानी पड़ती है। घर चलाने के लिए मेरे छोटे-छोटे बच्चे भी काम करते हैं। लेकिन सरकार की तरफ से एक रुपये की भी सहायता राशि नहीं मिली है। न ही अब तक विधवा पेंशन योजना का लाभ मिला। पेट भरने के लिए मैं गाड़ी खींचती हूं, सरकार से मदद की उम्मीद है।

बाइक सवारों ने की मदद

वहीं महिला की मदद करने वाले बाइक सवारों ने मीडिया को बताया कि वे पेशे से शिक्षक हैं। युवक देवी सिंह नागर ने बताया कि मैं मंगलवार दोपहर अपने साथी के साथ काम से जा रहा था तभी रास्ते में महिला को गाड़ी खींचते देखा। उसकी हालत देखी नहीं गई तो रुककर बात की। महिला ने बताया कि वह पचौर से आ रही है और उसे सांरगपुर तक जाना है। महिला ने बताया कि उसकी छोटी बच्ची काफी देर से भूखी है। हमने बाइक से गाड़ी को खींचने का सोचा और महिला से रस्सी ली, जिसके सहारे गाड़ी को बांधकर सारंगपुर तक पहुंचाया।

कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन

वहीं, मामला सामने आने के बाद राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने कहा कि महिला के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है। मैं देखता हूं कि महिला क्या काम करती है। महिला को ज्यादा से ज्यादा शासन की योजनाओं का लाभ मिले, इस पर काम करेंगे और उसकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा।

साभार अमर उजाला

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