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द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को दी गई 'Y' श्रेणी की सुरक्षा, जानें क्या होती है Y श्रेणी सुरक्षा

सुजीत गुप्ता
18 March 2022 11:00 AM GMT
The Kashmir Files director Vivek Agnihotri: द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ दर्ज हुई शिकायात , दिया था ये आपत्तिजनक बयान
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 Vivek Agnihotri

बॉलीवुड फिल्म निर्माता और 'द कश्मीर फाइल्स' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। उनकी सुरक्षा के लिए चार से पांच सशस्त्र कमांडो को तैनात किया गया है। प्रवास और पूरे भारत में यात्रा के दौरान सीआरपीएफ द्वारा उनकी सुरक्षा की जाएगी। बता दें कि विवेक अग्निहोत्री ने ही 1990 के दशक में कश्मीरी पंडित समुदाय के नरसंहार के पीड़ितों की पहली पीढ़ी के वीडियो साक्षात्कारों पर आधारित, 'द कश्मीर फाइल्स' बनाई है।

क्यों मिली सुरक्षा?

बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी इस फिल्म को पूरे देश में भारी समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कश्मीरी पंडितों के संघर्ष और दर्द को दिखाने के लिए फिल्म और फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की सराहना की है। सूत्रों की माने तो, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने खतरे की आशंका को अंजाम देते हुए यह सिफारिश की कि द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को वीआईपी सुरक्षा दी जानी चाहिए।

क्या है वाई श्रेणी की सुरक्षा

भारत में सुरक्षा व्यवस्था को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें एसपीजी सुरक्षा, जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स श्रेणी शामिल है। वाय श्रेणी सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) और एक या दो कमांडो तैनात होते हैं। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

आइए जानते हैं, क्या होती है Y श्रेणी सुरक्षा:

भारत में सुरक्षा की श्रेणी खतरे के स्तर के साथ-साथ रसूख भी मानी जाती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की सिफारिश पर हर साल विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है। खतरे के स्तर को देखते हुए विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को विभिन्न स्तर की सुरक्षा दी जाती है। देश में वीआईपी सुरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। सरकार के पास यह निर्णय लेने का अधिकार होता है कि वह बड़े नेताओं और अधिकारियों को किस प्रकार की सुरक्षा देगी।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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