उत्तर प्रदेश

Akhilesh Yadav पहली बार लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, कौन सी सीट से देंगे टक्कर ?

Arun Mishra
19 Jan 2022 6:42 AM GMT
Akhilesh Yadav पहली बार लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, कौन सी सीट से देंगे टक्कर ?
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, अभी तक सीट तय नहीं हुई है। न्यूज एजेंसी ANI ने पार्टी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है। साल 2000 में प्रदेश की कमान संभालने वाले राजनाथ सिंह फिलहाल वो आखिरी नेता हैं जो विधानसभा चुनाव जीतकर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मैनपुरी या करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव के मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण 20 फरवरी को मैनपुरी में मतदान होगा। मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है। लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा चुनाव, यहां हर पार्टी को सपा से कड़ी टक्कर मिलती है।

मैनपुरी या आजमगढ़ जिले से लड़ेगे चुनाव

मैनपुरी जिले की चार विधानसभा सीटों में एकमात्र किशनी सीट सुरक्षित श्रेणी की है। इस सीट पर बीते 28 साल से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। अन्य सीटों पर भाजपा ने भले ही कभी न कभी जीत हासिल की, लेकिन किशनी में भाजपा कभी नहीं जीत पाई। यहां के मतदाता किसी सियासी लहर में भी प्रभावित नहीं हुए। किशनी विधानसभा सीट का गठन वर्ष 1962 में हुआ था। उस वक्त जिले की करहल सीट सुरक्षित श्रेणी में हुआ करती थी। वर्ष 1993 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी सपा ने इस सीट पर रामेश्वर दयाल बाल्मीकि को लड़ाया था और जीत हासिल की थी। इससे पहले रामेश्वर दयाल बाल्मीकि वर्ष 1989 में जनता दल की टिकट पर और वर्ष 1991 में जेपी की टिकट पर विधायक बन चुके थे। 1993 के चुनाव के बाद सपा दबदबा बरकरार हरा। वर्ष 1996 में सपा से रामेश्वर दयाल बाल्मीकि फिर जीते। वर्ष 2002 और 2007 में सपा प्रत्याशी संध्या कठेरिया ने जीत हासिल की। इसके बाद सपा के ब्रजेश कठेरिया 2012 में जीते। वर्ष 2017 में पूरे प्रदेश में भाजपा की प्रचंड लहर चली, लेकिन यहां उसका असर नहीं पड़ा। बीते चुनाव में सपा के ब्रजेश कठेरिया ने ही जीत हासिल की थी। बीते चुनाव में भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। सुरक्षित होने के बाद भी इस सीट पर बसपा कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है। यह भी चर्चा है अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से विधानसभा मैदान में उतर सकते है।

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