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अनिल चौधरी
यूपी सरकार द्वारा उधोगपतियों की मांग पर सर्किल रेट पर किसानों की भूमि अधिग्रहित करने का फैसला लेने से किसान संगठनों में आक्रोश है | राष्ट्रीय लोकदल ने तो सरकार के फैसले का खुलकर विरोध करने का एलान किया है | रालोद के पश्चिमी यूपी के प्रदेशा अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ अनिल चौधरी ने इसे सरकार का किसान विरोधी कदम बताया है | उन्होंने कहा कि योगी सरकार चंद धन्नासेठों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानो के साथ अन्याय कर रही है | उन्होंने कहा है कि योगी सरकार द्वारा किसान आन्दोलन मे दी सैकड़ों किसानों की शहादत को भुला कर नई अधिग्रहण नीति की घोषणा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। सत्य ये भी है पिछले दशकों से विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिगृहीत अधिकांश भूमि आज भी खाली पडी है अथवा उस पर आवासीय योजना बना दी गई है।
उन्होंने बताया कि औधोगिक क्षेत्र के नाम पर सस्ती दर पर किसानों की भूमि छीनकर उसे महंगी दर पर आवास हेतु आवंटित करने का नोएडा, ग्रेटर नोएडा का खेल माननीय न्यायालय के संज्ञान मे भी आ चुका है और उस पर समय-समय पर इन औधोगिक विकास प्राधिकरणों व सरकार को न्यायालय द्वारा दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। डॉ अनिल ने कहा कि पूर्व में भी राष्ट्रीय लोकदल द्वारा पुराने भूमि अधिग्रहण कानून मे बदलाव के लिए सड़क से संसद तक लम्बा आंदोलन चलाया गया था। राष्ट्रीय लोकदल सांसद जयंत चौधरी जी द्वारा संसद मे लाए निजी अध्यादेश से शुरू हुई बहस के बदौलत ही ससंद ने सर्वसम्मति से वर्ष 2013 मे नया भूमि अधिग्रहण कानून राष्ट्र को दिया ।
उन्होंने योगी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसान विरोधी फैसले पर राष्ट्रीय लोकदल चुप नही रहेगा और प्रदेश के किसानों के साथ सड़क पर उतर इस पूंजीपतियों की गुलाम सरकार को घुटने टेकने पर बाध्य कर देगा। बताते चलें कि वर्ष 2013 मे तत्तकालीन यूपीए सरकार ने किसानों के लम्बे आंदोलन के बाद सन्1894 के भूमि-अधिग्रहण कानून मे बदलाव कर एक नया कानून बनाया था, जिसके मुताबिक आवश्यक कार्यों हेतु किसान की जमीन लिए जाने पर ग्रामीण क्षेत्र मे सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेञ मे दो गुना मुआवजा दिए जाने का प्राविधान किया गया था।
शिव कुमार मिश्र
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